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Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर इन निर्देशों के अनुसार करें पूजा, भगवान विष्णु हो जाएंगे प्रसन्न

Updated on: 29 April, 2024 08:39 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना, विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ, विष्णु मंत्रों का जप, और ध्यान किया जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर/फोटो-ए्क्स

प्रतीकात्मक तस्वीर/फोटो-ए्क्स

Varuthini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है. वरुथिनी एकादशी हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के दिन होती है. इस बार वरुथिनी एकादशी 4 मई 2024 को है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व भी होता है.

वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से लोग मानते हैं कि उन्हें भगवान विष्णु की कृपा मिलेगी और उनके पापों का नाश होगा. इस दिन कई लोग नीरजला व्रत भी करते हैं, जिसमें व्रती बिना पानी पिए भगवान की पूजा करते हैं. वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना, विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ, विष्णु मंत्रों का जप, और ध्यान किया जाता है. यह एक पवित्र दिन होता है जब लोग ध्यान, ध्यान और सेवा के माध्यम से आत्मिक शुद्धि की प्राप्ति का प्रयास करते हैं.


वरुथिनी एकादशी व्रत को सही ढंग से करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करें:


  • वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करें. इसके लिए आप भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पूजा कर सकते हैं.
  • कई लोग एकादशी पर निर्जला व्रत का पालन करते हैं, जिसमें व्रती को बिना पानी पिए रहना होता है. यदि आप नीरजला व्रत कर रहे हैं, तो दिनभर केवल फल और दूध जैसे उपहार ले सकते हैं.
  • रात्रि में आप जागरण कर सकते हैं. भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करें और उनकी भक्ति में लीन रहें.
  • व्रती को एकादशी के दिन व्रत का पालन करना चाहिए, जिसमें अन्न, धनिया, मिठाई, तेल और आलू जैसी अन्य अनाज और धान्य का सेवन नहीं किया जाता है.
  • इस दिन दान और दान करने का महत्व होता है. आप गरीबों को आहार, वस्त्र, धन या अन्य सामग्री दे सकते हैं.
  • ध्यान, प्रार्थना के लिए समय निकालें. ध्यान लगाने से अपने आप को भगवान के समीप में महसूस कर सकते हैं.

याद रखें, व्रत का पालन और विधि व्यक्ति के धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वासों और प्राथमिकताओं के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. इसलिए आपको अपने गुरु या परिवार के धार्मिक नेता से परामर्श लेना चाहिए और व्रत का पालन करने से पहले सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.


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