Updated on: 28 June, 2025 12:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 के दौरान 27 जून को रथ यात्रा रोक दी गई थी, लेकिन शनिवार को भक्तों ने नए उत्साह के साथ भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचना फिर से शुरू किया.
X/Pics
पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 के दौरान 27 जून की रात को रथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, लेकिन शनिवार को भक्तों ने नए उत्साह के साथ भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचने का काम फिर से शुरू कर दिया. रथ यात्रा के दौरान यह एक अभूतपूर्व घटना थी, जब भक्तों ने मिलकर देवताओं के रथों को गुंडिचा मंदिर की दिशा में खींचना जारी रखा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रथों को शुक्रवार की शाम तक गुंडिचा मंदिर तक पहुंचना था, जो भगवान जगन्नाथ के निवास स्थान से लगभग 2.6 किमी दूर है. लेकिन एक अप्रत्याशित समस्या ने रथ यात्रा को रोक दिया था. भगवान बलभद्र के रथ का तलध्वज ग्रैंड रोड पर एक मोड़ पर फंस गया, जिससे अन्य दो रथों को आगे बढ़ने में समस्या आई. इसके कारण रथों को सड़क पर ही रोक दिया गया और रात भर कड़ी सुरक्षा के बीच खड़ा रखा गया.
#WATCH | ओडिशा: पुरी में श्री जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान रथ खींचने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। pic.twitter.com/XqgfE5iPjO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2025
रथों को सड़क पर रोकने के बाद, पुरी शहर में तनाव का माहौल था, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और धैर्य ने इस असुविधा को शांत किया. रथों के पास भक्तों की संख्या बढ़ती चली गई, और सभी भक्तों ने ‘जय जगन्नाथ’ के नारे लगाए. इस उत्साही माहौल में घंटियों और शंखों की आवाज गूंज उठी, जो भक्तों के उत्साह और श्रद्धा को और बढ़ा रही थी.
शनिवार की सुबह करीब 10 बजे रथ खींचने का काम फिर से शुरू हुआ, और भक्तों ने कड़ी मेहनत और श्रद्धा के साथ रथों को आगे बढ़ाया. रथ यात्रा फिर से चल पड़ी और भक्तों के जोश ने एक बार फिर से देवताओं के रथों को उनके गंतव्य की ओर बढ़ने में मदद की.
यह रथ यात्रा पुरी के इतिहास का एक अहम हिस्सा है और इसके आयोजन में लाखों भक्त शामिल होते हैं, जो अपने श्रद्धा भाव से इस महान धार्मिक परंपरा का हिस्सा बनते हैं. रथ यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने और धार्मिक आस्था को मजबूत करने का भी है.
अब रथ गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं, और भक्तों की आस्था और श्रद्धा की लहर इस रथ यात्रा को एक अभूतपूर्व रूप दे रही है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT