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बॉलीवुड से सन्यास, फिर सन्यास से इस्तीफा, ममता कुलकर्णी ने छोड़ा महामंडलेश्वर पद, बोलीं – `साध्वी हूं, साध्वी रहूंगी`

Updated on: 11 February, 2025 09:46 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

बॉलीवुड से साध्वी बनीं ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देकर हलचल मचा दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बताया कि अखाड़ों में उन्हें लेकर समस्याएं खड़ी हो रही थीं, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया.

Representational Image

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बॉलीवुड छोड़कर साध्वी बनीं ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देकर सनसनी फैला दी है. उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर यह ऐलान किया कि वह अब इस पद पर नहीं रहेंगी. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी, जिसने उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर कर दिया?

ममता कुलकर्णी ने अपने वीडियो में कहा – "मैंने खुद को पूरी तरह अध्यात्म को समर्पित कर दिया है, लेकिन कुछ लोगों को मेरे महामंडलेश्वर बनने से आपत्ति हो गई है. ब्रह्म विद्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन वे मेरे खिलाफ साजिशें कर रहे हैं." उन्होंने आगे कहा कि – "मैं आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का पूरा सम्मान करती हूं, लेकिन अखाड़ों में मुझे लेकर कई समस्याएं खड़ी हो रही हैं, इसलिए मैं महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे रही हूं. मगर मैं साध्वी हूं और हमेशा साध्वी ही रहूंगी."


क्या थी इस्तीफे की असली वजह?


ममता कुलकर्णी के इस्तीफे के पीछे धार्मिक संगठनों के अंदर की राजनीति को जिम्मेदार माना जा रहा है. कुछ सूत्रों के मुताबिक –

>> अखाड़ों में महामंडलेश्वर पद को लेकर आपसी गुटबाजी चल रही थी.


>> कई लोग उनके फिल्मी अतीत को लेकर आपत्ति जता रहे थे और यह मानने को तैयार नहीं थे कि एक पूर्व अभिनेत्री इस पद पर आ सकती है.

>> धार्मिक संगठनों के कुछ प्रभावशाली लोग उनके महामंडलेश्वर बनने से नाखुश थे और अंदरखाने से विरोध कर रहे थे.

बॉलीवुड से लेकर अध्यात्म तक का सफर

ममता कुलकर्णी ने 90 के दशक में बॉलीवुड में धूम मचाई थी. ‘करण अर्जुन’, ‘साबुन सुर्ख’, ‘आशिक आवारा’ और ‘चाइना गेट’ जैसी फिल्मों में उनके ग्लैमरस अवतार ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया था. लेकिन फिर अचानक उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और अध्यात्म की राह पकड़ ली.

कई साल तक वह गायब रहीं और फिर खबर आई कि उन्होंने साध्वी के रूप में नया जीवन शुरू कर दिया है. लेकिन अब महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा देकर उन्होंने फिर से विवाद खड़ा कर दिया है.

आखिर कौन कर रहा था विरोध?

सूत्रों के मुताबिक – `धार्मिक संगठनों के पारंपरिक संतों को यह स्वीकार नहीं था कि कोई पूर्व अभिनेत्री इतने ऊंचे आध्यात्मिक पद पर आ जाए. कुछ लोगों को उनकी पुरानी छवि और विवादित अतीत को लेकर ऐतराज था. अखाड़ों के भीतर भी महामंडलेश्वर पद को लेकर गुटबाजी हो रही थी, जिससे वे विवादों में आ गईं.`

अब आगे क्या करेंगी ममता कुलकर्णी?

महामंडलेश्वर पद छोड़ने के बावजूद ममता कुलकर्णी ने साफ कर दिया है कि वह अध्यात्म से दूर नहीं जाएंगी. उन्होंने कहा –
"मैं पद से हट सकती हूं, लेकिन मेरा अध्यात्म से नाता कभी नहीं टूटेगा. मैं साध्वी हूं, साध्वी ही रहूंगी!"

अब सवाल यह उठता है कि – "क्या ममता कुलकर्णी पर अंदरूनी दबाव था, जिससे उन्होंने यह पद छोड़ा? उनका इस्तीफा धार्मिक संगठनों की राजनीति का नतीजा है? या फिर यह उनके आध्यात्मिक सफर का नया मोड़ है?"

 

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