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पुखराज रत्न को मिला है भगवान विष्णु का आशीर्वाद, जो बदले किस्मत का खेल

Updated on: 20 January, 2025 12:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह का प्रतीक माना जाता है, जो धन, ज्ञान और सौभाग्य प्रदान करता है. इसे धारण करने से आर्थिक समृद्धि, वैवाहिक सुख, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है.

पुखराज को बृहस्पतिवार के दिन, शुद्धता और मंत्रों के साथ सोने या पीतल की अंगूठी में पहनना शुभ माना जाता है.

पुखराज को बृहस्पतिवार के दिन, शुद्धता और मंत्रों के साथ सोने या पीतल की अंगूठी में पहनना शुभ माना जाता है.

पुखराज रत्न, जिसे अंग्रेजी में टोपाज (Topaz) कहा जाता है, एक बहुमूल्य रत्न है जो ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व रखता है. यह पीले रंग का होता है और इसे बृहस्पति ग्रह (गुरु) का प्रतिनिधि माना जाता है. बृहस्पति ज्ञान, समृद्धि, आध्यात्मिकता और धन का प्रतीक है, इसलिए पुखराज को धारण करने से इन सभी क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखा जाता है.

पुखराज के लाभ:


>>आर्थिक समृद्धि: पुखराज रत्न को पहनने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है. यह व्यापार में लाभ, आय में वृद्धि और निवेश में सफलता प्रदान करता है.


>> शादीशुदा जीवन में सुख: यह रत्न वैवाहिक जीवन में प्रेम, विश्वास और समझ को बढ़ाने में सहायक होता है. विशेषकर महिलाओं के लिए यह सुखद दांपत्य जीवन और संतान सुख देने वाला माना जाता है.

>> शिक्षा और बुद्धि में वृद्धि: छात्र और शिक्षाविदों के लिए पुखराज अत्यंत लाभकारी माना जाता है. यह व्यक्ति की स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाता है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है.


>> आध्यात्मिक उन्नति: बृहस्पति ग्रह ज्ञान और धर्म का कारक होता है. पुखराज धारण करने से आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है.

>> स्वास्थ्य लाभ: यह रत्न पाचन तंत्र, मोटापा और त्वचा संबंधी रोगों में राहत प्रदान करता है. साथ ही यह मानसिक तनाव और अवसाद को कम करता है.

>> आत्मविश्वास में वृद्धि: पुखराज रत्न धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति अपने निर्णयों में अधिक साहसी बनता है.

पुखराज किस भगवान का प्रतीक है?

पुखराज को मुख्य रूप से भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है. विष्णु जी को ज्ञान, धैर्य और समृद्धि का देवता माना जाता है, जो इस रत्न के गुणों के समान हैं. इसके अलावा, इसे देवी लक्ष्मी से भी जोड़ा जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक है.

धारण करने की विधि:

पुखराज को बृहस्पतिवार के दिन, शुद्धता और मंत्रों के साथ सोने या पीतल की अंगूठी में पहनना शुभ माना जाता है. इसे पहनते समय "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है.

इस प्रकार, पुखराज रत्न न केवल भौतिक लाभ प्रदान करता है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है.

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