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वैशाख सोम प्रदोष: जानें कब है मई का दूसरा प्रदोष, आखिर क्यों है खास

Updated on: 15 May, 2024 06:35 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

वैशाख सोम प्रदोष: हिंदू धर्म के एक मास में दो महीने होते हैं. हर मास में दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है. मई माह का दूसरा प्रदोष भी 20 मई को मनाया जाएगा.

प्रतिकात्मक तस्वीर

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वैशाख सोम प्रदोष: हिंदू धर्म के एक मास में दो महीने होते हैं. हर मास में दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है. मई माह का दूसरा प्रदोष भी 20 मई को मनाया जाएगा. ये प्रदोष वैशाख माह और सोमवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इस वैशाख सोम प्रदोष कहा जा रहा है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

मई में कब पड़ेगा दूसरा प्रदोष


मई माह का दूसरा प्रदोष 20 मई को होने वाला है. त्रयोदशी तिथि 20 मई से शुरू होकर शाम 03.58 बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन 21 मई को शाम 05.29 तक रहेगी.


खास है वैशाख सोम प्रदोष

वैशाख सोम प्रदोष खास माना जाता है. क्योंकि सोम प्रदोष का अर्थ हुआ सोमवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष, सोमवार को प्रदोष खास होता है क्योंकि ये दिन पूर्णता भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन पूर्ण श्रद्धा से की गई पूजा का फल हमें जरूर मिलता है.


कुछ इस तरह किया जाता है प्रदोष व्रत

  • सबसे पहले घर और घर के मंदिर की साफ-सफाई करें.
  • साथ ही व्रत की पूरी प्रक्रिया के दौरान अपने मन में कोई भी गलत विचार न आने दें. अपने गुरु और पिता से आदरपूर्वक बात करें और सभी व्रत अनुष्ठानों के दौरान स्वयं को भगवान शिव को अर्पित करें.
  • बुध प्रदोष के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करके संकल्प ले लेना चाहिए.
  • दिन भर ईश्वर का मनन करना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत की कथा सुनकर पूजन करना चाहिए.
  • उत्तर-पूर्व दिशा में बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
  • प्रदोष व्रत के दिन ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए.
  • इसके बाद भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत और धूप आदि से पूजन करना चाहिए.
  • इसके साथ ही बुध प्रदोष व्रत के दिन बच्चों की समृद्धि के लिए सुबह और शाम के समय भगवान गणेश के सामने हरी इलायची अर्पित करें.

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