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1 फरवरी को विनायक चतुर्थी, माघी गणेश जयंती पर सुबह ऐसे करें शुभ शुरुआत

Updated on: 31 January, 2025 10:35 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

माघी गणेश जयंती, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, इस वर्ष 1 फरवरी को मनाई जाएगी. इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान, व्रत, गणेश पूजन, मंत्र जाप और दान-पुण्य करने से विशेष फल मिलता है.

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माघी गणेश जयंती, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, 1 फरवरी को मनाई जाएगी. यह दिन भगवान गणेश के भक्तों के लिए बेहद शुभ होता है. इस दिन विशेष पूजा-पाठ, व्रत, दान और मंत्र जाप करने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है.

सुबह-सुबह क्या करें?


>> जल्दी उठें और स्नान करें


- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे के बीच) में उठें.

- गंगाजल या तिल के पानी से स्नान करें, जिससे शरीर और मन की शुद्धि हो.


- स्नान के बाद साफ सफेद या पीले वस्त्र पहनें, क्योंकि ये गणेश जी को प्रिय हैं.

>> संकल्प और व्रत प्रारंभ करें

- स्नान के बाद गणपति जी का ध्यान करते हुए व्रत (उपवास) का संकल्प लें.

- यदि पूर्ण व्रत नहीं रख सकते तो फलाहार (फल, दूध, मोदक) ग्रहण कर सकते हैं.

- इस दिन चंद्रमा के दर्शन न करें, क्योंकि मान्यता है कि चंद्र दर्शन से दोष लगता है.

>> गणेश पूजन की तैयारी करें

- घर में गणेश जी की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें.

- गणपति को केसर, चंदन, सिंदूर, दूर्वा घास, अक्षत, पुष्प, लाल वस्त्र अर्पित करें.

- दीपक जलाकर गणपति जी के मंत्रों का जाप करें.

>> गणेश मंत्र जाप करें

पूजा के दौरान इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप करें:

- ॐ गं गणपतये नमः (108 बार)

- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ.

- निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.

>> भोग और प्रसाद अर्पित करें

- गणपति जी को मोदक, लड्डू, गुड़ और तिल से बने व्यंजन अर्पित करें.

- दूर्वा घास (21 या 11 तिनके) अर्पित करें, क्योंकि गणेश जी इसे अत्यंत प्रिय मानते हैं.

- प्रसाद के रूप में गुड़-चना भी वितरित करें.

>> दान-पुण्य करें

- इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ और श्रीफल दान करना बेहद शुभ माना जाता है.

- गौ सेवा करें और गणपति मंदिर में दान करें.

>> गणेश जी की आरती करें

- पूजा के अंत में गणपति जी की आरती करें: "जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥"

- आरती के बाद घर के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें और शुभ कार्यों की शुरुआत करें.

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