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जेसीबी से एमटीएनएल केबल चुराने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने किया भंडाफोड़

Updated on: 17 August, 2025 11:14 AM IST | Mumbai
Aishwarya Iyer | mailbag@mid-day.com

मुंबई के सायन फोर्ट इलाके में स्वतंत्रता दिवस के दिन पुलिस ने तांबे के केबल की बड़ी चोरी की साजिश नाकाम कर दी. करीब 30 लोगों के गिरोह में से 14 को मौके पर गिरफ्तार किया गया और जेसीबी मशीन सहित उपकरण जब्त किए गए.

चोरी की वारदात 15 अगस्त की सुबह 3 बजे सायन फोर्ट इलाके में हुई, लेकिन पुलिस ने गिरोह को रंगे हाथों पकड़ लिया और 14 आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया.

चोरी की वारदात 15 अगस्त की सुबह 3 बजे सायन फोर्ट इलाके में हुई, लेकिन पुलिस ने गिरोह को रंगे हाथों पकड़ लिया और 14 आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया.

स्वतंत्रता दिवस पर, जब पूरे शहर में पुलिस हाई अलर्ट पर थी, सायन फोर्ट इलाके में एक बड़ी चोरी नाकाम कर दी गई. लगभग 30 लोगों का एक गिरोह जेसीबी मशीन से भूमिगत एमटीएनएल के तांबे के केबल खोदकर चोरी करते पकड़ा गया.

सायन पुलिस ने मौके पर ही 14 लोगों को गिरफ्तार किया और जेसीबी मशीन, कटर, हथौड़े और अन्य उपकरण जब्त कर लिए. चोरी की गई संपत्ति में लगभग 60 फीट तांबे का केबल शामिल था, जिसकी कीमत 1.35 लाख रुपये थी, लेकिन पुलिस का अनुमान है कि गिरोह की योजनाबद्ध चोरी एक ही रात में 30-40 लाख रुपये की हो सकती थी. इसके बाद, एमटीएनएल के एक कर्मचारी ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई.


यह कोई अकेली घटना नहीं है. हाल ही में, 2 और 3 अगस्त को, अज्ञात व्यक्तियों ने गोरेगांव के एसवी रोड स्थित नाना-नानी पार्क में धावा बोलकर 21.6 लाख रुपये मूल्य की लगभग 360 मीटर एमटीएनएल की तांबे की केबल चुरा ली. पुलिस का कहना है कि मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में तांबे के तारों की चोरी एक बड़ी समस्या बन गई है, जो एमटीएनएल और निजी दूरसंचार ऑपरेटरों को समान रूप से निशाना बना रही है. हर चोरी से भारी आर्थिक नुकसान होता है और निवासियों व व्यवसायों के लिए टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएँ भी बाधित होती हैं. अधिकारियों ने कहा, "तांबे की चोरी बदमाशों के लिए आसान कमाई का ज़रिया है क्योंकि इसे कबाड़ बाज़ार में जल्दी से बेचा जा सकता है."


पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस चोरी का मास्टरमाइंड कथित तौर पर "भंगड़वाला" नामक एक कुख्यात कबाड़ व्यापारी था, जो अभी भी फरार है. उन्होंने दावा किया कि वह शहर भर में करोड़ों का रैकेट चलाता है, स्थानीय बदमाशों की भर्ती करता है और भारी सामान उठाने और ज़मीनी काम के लिए दिहाड़ी मज़दूरों को काम पर रखता है. ये गिरोह आमतौर पर रात 2 बजे से सुबह 5 बजे के बीच काम करते हैं, और चोरी को नियमित रखरखाव के काम का रूप देते हैं ताकि राहगीरों को शायद ही कभी किसी गड़बड़ी का शक हो.

गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्हें 18 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस इस रैकेट में शामिल एक अन्य प्रमुख सहयोगी की तलाश कर रही है.


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