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नालासोपारा हत्याकांड: पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की पति की हत्या, शव को फर्श के नीचे दफनाया

Updated on: 22 July, 2025 08:31 AM IST | Mumbai
Shirish Vaktania | mailbag@mid-day.com

नालासोपारा हत्या कांड: नालासोपारा में एक चौंकाने वाली हत्या सामने आई, जहां पत्नी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपने पति विजय चव्हाण की हत्या कर दी और शव को घर के फर्श के नीचे दफना दिया.

Pics/Hanif Patel

Pics/Hanif Patel

नालासोपारा पूर्व निवासी 37 वर्षीय विजय चव्हाण की कथित तौर पर उसकी पत्नी और उसके प्रेमी, जो 22 वर्षीय बीएससी छात्र था, ने हत्या कर दी और शव को उसके ही घर के फर्श के नीचे दफना दिया. अपराध को छिपाने के लिए, चमन नाम की महिला ने कथित तौर पर दफनाने वाली जगह पर नई टाइलें लगवा दीं.

महिला और उसका प्रेमी, मोनू विश्वकर्मा, जो दंपति के घर - धनिव बाग स्थित ओम साईं वेलफेयर सोसाइटी के पास रहता था - दोनों फरार हैं. पुलिस ने सोमवार को मृतक के शव को खोदकर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.


विजय और चमन की शादी को 10 साल हो गए थे. विजय घर की मरम्मत का काम करता था, जबकि चमन गृहिणी है. दंपति का एक सात साल का बेटा भी है. जाँच से पता चला है कि चमन ने अपने पति के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके उसके बैंक खाते तक पहुँचने के लिए कई ओटीपी जनरेट किए. उसने कथित तौर पर उसके क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल करके कई एटीएम से पैसे भी निकाले.


मामले की पृष्ठभूमि

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "करीब एक महीने पहले, विजय चव्हाण को बीमा पॉलिसी की परिपक्वता अवधि पूरी होने पर 6 लाख रुपये मिले थे. उनके खाते में पहले से ही 2-3 लाख रुपये थे और वे इलाके में एक नया घर खरीदने की योजना बना रहे थे. उन्होंने अपने मौजूदा घर का स्वामित्व चमन को हस्तांतरित कर दिया था."


पिछले 15 दिनों से, विजय ने अपने भाइयों और चाचा सहित, जो पास में रहते हैं, परिवार के सदस्यों के फोन का जवाब देना बंद कर दिया था. चिंतित होकर, रिश्तेदार कई बार उनके घर गए. चमन ने उन्हें बताया कि विजय बोरीवली, कांदिवली और मलाड जैसे इलाकों में काम के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं.

विजय के चाचा, मोहन चव्हाण ने याद करते हुए बताया कि जब वे घर गए, तो उन्होंने विजय का फोन अपनी पत्नी के पास देखा. मोहन ने मिड-डे को बताया, "मेरा भतीजा 15 दिनों से लापता था. हमने मलाड, कांदिवली, कुर्ला और बोरीवली में रिश्तेदारों से पूछताछ की, लेकिन किसी को कोई जानकारी नहीं मिली. हम कई बार उनके घर गए और हमेशा उनका मोबाइल फोन उनकी पत्नी के पास ही मिला."

उन्होंने आगे कहा, "हमें गड़बड़ी का शक हुआ और हमने पेल्हार पुलिस को सूचित किया, लेकिन उन्होंने शुरू में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. एक स्थानीय कार्यकर्ता और कुछ राजनेताओं से संपर्क करने के बाद ही पुलिस ने आखिरकार शिकायत दर्ज की."

बंद दरवाज़ा

मोहन ने कहा, "19 जुलाई को, हम अपने भतीजे के घर गए और दरवाज़ा बंद पाया. उसका फ़ोन भी बंद था." बाद में पता चला कि उसी दिन दोपहर लगभग 12:40 बजे, चमन अपने बेटे के साथ घर से निकली थी. इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों में उसे भागते हुए देखा गया. रास्ते में, वह सड़क किनारे एक ठेले वाले से तीन समोसे खरीदती हुई दिखाई दी. पुलिस के अनुसार, मोनू को शनिवार के बाद से किसी ने नहीं देखा है.

परिवार की हरकतें

कुछ गड़बड़ होने का शक होने पर, सोमवार, 21 जुलाई की सुबह, परिवार ने चव्हाण के घर का दरवाज़ा तोड़ दिया और पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला. मोहन ने कहा, "हालांकि, हमें फर्श पर तीन नई टाइलें दिखाई दीं, जिससे हमारा शक और बढ़ गया. हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया."

गंभीर कार्य

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमारी पूछताछ के दौरान, हमें पता चला कि लगभग 12 दिन पहले, चमन ने एक मज़दूर को 3.5 फ़ीट गहरा और छह फ़ीट लंबा गड्ढा खोदने के लिए बुलाया था. दो दिन बाद, उसने एक टाइल की दुकान के ज़रिए खोदे गए हिस्से पर नई टाइलें लगाने के लिए एक और मज़दूर को काम पर रखा. टाइल बिछाने वाले को इस काम के लिए लगभग 1200 डॉलर दिए गए."

अधिकारी ने आगे कहा, "मोनू की माँ ने पहले उसे चमन से फ़ोन पर बात करते हुए पकड़ा था. उन्होंने उसका मोबाइल ज़ब्त कर लिया और उसे दो दिन तक कॉलेज नहीं जाने दिया. हालाँकि, बाद में उन्होंने उसे फ़ोन वापस कर दिया."

पुलिस की बात

पेलहर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक जितेंद्र वनकोटी ने मिड-डे को बताया, "शाम लगभग 7 बजे, खुदाई करते समय, हमें एक बड़ा काला प्लास्टिक बैग मिला जो फर्श की सतह से 1.5 फ़ीट नीचे रखा गया था. उसके अंदर का शव पूरी तरह से सड़ चुका था. हम पत्नी और दूसरे संदिग्ध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं." इस बीच, डीसीपी सुहास बावचे ने कहा, "पड़ोसी और मृतक की पत्नी संदेह के घेरे में हैं. हम एफआईआर दर्ज कर रहे हैं."

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