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स्पाई कबूतर को आठ महीने बाद मुंबई पुलिस ने किया रिहा

Updated on: 01 February, 2024 12:13 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

बुधवार को जिस कबूतर को चीनियों द्वारा जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जाने का संदेह था और जिसे मुंबई के एक पशु अस्पताल की हिरासत में रखा गया था, उसे रिहा कर दिया गया है. आठ माह पहले पकड़े जाने के बाद मंगलवार को पक्षी को मुक्त कर दिया गया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (क्रेडिट- पिक्साबे)

प्रतीकात्मक तस्वीर (क्रेडिट- पिक्साबे)

की हाइलाइट्स

  1. कबूतर को चीनियों द्वारा जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जाने का था संदेह
  2. कबूतर के पैर में तांबे एल्यूमीनियम के छल्ले लगे थे
  3. कबूतर के परों में चीनी लिपि में कुछ संदेश भी लिखे हुए थे

बुधवार को जिस कबूतर को चीनियों द्वारा जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जाने का संदेह था और जिसे मुंबई के एक पशु अस्पताल की हिरासत में रखा गया था, उसे रिहा कर दिया गया है. आठ माह पहले पकड़े जाने के बाद मंगलवार को पक्षी को मुक्त कर दिया गया.

आरसीएफ (राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक) पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा कि परेल इलाके में बाई सकरबाई दिनशॉ पेटिट हॉस्पिटल फॉर एनिमल्स ने सोमवार को पुलिस से पक्षी को छोड़ने की अनुमति मांगी, जिसके बाद मंगलवार को उसे मुक्त कर दिया गया.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कबूतर को पिछले साल मई में आरसीएफ पुलिस ने उपनगरीय चेंबूर के पीर पाउ जेट्टी में पकड़ा था. पुलिस ने कहा कि पक्षी के पैर में दो छल्ले बंधे थे - एक तांबे का और दूसरा एल्यूमीनियम का और उसके दोनों पंखों के नीचे चीनी भाषा जैसी लिपि में संदेश लिखे हुए थे. उन्होंने कहा कि आरसीएफ पुलिस ने तब मामला दर्ज किया लेकिन जांच पूरी होने के बाद जासूसी का आरोप हटा दिया गया.


अधिकारी ने कहा, मामले की जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि कबूतर ताइवान में खुले पानी में रेसिंग में भाग लेता था और ऐसे ही एक कार्यक्रम में, यह देश से बाहर उड़ गया और भारत में उतरा. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा कबूतर की रिहाई के लिए "अनापत्ति" दिए जाने के बाद अस्पताल ने कबूतर को मुक्त कर दिया, उन्होंने कहा कि पक्षी की चिकित्सीय स्थिति ठीक है.

इस बीच, जोन 2 के तहत मुंबई पुलिस ने 100 मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी कुल कीमत 15 लाख रुपये है और उन्हें उनके मालिकों को लौटा दिया गया है. ऑपरेशन में पाइधोनी, एल.टी. मार्ग, डी.बी. मार्ग, मालाबार हिल, गामदेवी और वी.पी. मार्ग पुलिस स्टेशनों की टीमें शामिल थीं. सीईआईआर पोर्टल का उपयोग करके ट्रैकिंग और विभिन्न अन्य उपायों को अपनाकर, पुलिस चोरी हुए फोन का पता लगाने और उन्हें पुनः प्राप्त करने में सक्षम थी.


बरामद फोन संबंधित शिकायतकर्ताओं को 30 जनवरी को नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में सौंपे गए. शिकायतकर्ताओं ने अपने फोन वापस मिलने पर खुशी व्यक्त की है.

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