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गोवंडी में 3 साल का बच्चा अपहरण के बाद सुरक्षित मिला, मुंबई पुलिस की सराहना

Updated on: 10 July, 2025 11:17 AM IST | Mumbai
Aishwarya Iyer | mailbag@mid-day.com

मुंबई के गोवंडी इलाके में अपहृत तीन साल के बच्चे को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिर्फ़ 12 घंटे में उसके परिवार से मिलाया.

बच्चा अपने परिवार से मिल गया.

बच्चा अपने परिवार से मिल गया.

गोवंडी के शिवाजीनगर में एक बरसाती रात में भीगते और अकेले भटकते हुए मिले तीन साल के एक बच्चे को अपहरण के कुछ ही घंटों बाद उसके परिवार से सुरक्षित मिला दिया गया. यह सब मुंबई पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एक स्थानीय निवासी के समय पर हस्तक्षेप की बदौलत संभव हुआ.

8 जुलाई की रात लगभग 11:00 बजे, शिवाजीनगर इलाके की एक महिला ने बच्चे को रोड नंबर 4 पर अकेला देखा. बारिश में भीगने और पूरी तरह से खो जाने के कारण, बच्चा यह नहीं बता पा रहा था कि वह कहाँ का है. उसकी हालत देखकर महिला भावुक हो गई और उसे घर ले गई, उसे सुखाया और रात भर उसकी देखभाल की. ​​अगली सुबह, टीवी देखते हुए, उसने एक लापता बच्चे के बारे में एक समाचार देखा और स्क्रीन पर क्राइम ब्रांच का संपर्क नंबर चमकता हुआ देखा. उसने उस नंबर पर कॉल किया और पुलिस को बताया कि बच्चा उसके पास सुरक्षित है.


कुछ ही मिनटों में, क्राइम ब्रांच यूनिट 6 के अधिकारी उसके घर पहुँचे, लड़के की पहचान की पुष्टि की और उसे अपनी देखरेख में ले लिया. फिर उसे शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया और उसके चिंतित परिवार से मिलवाया गया.


उसी दिन दोपहर 12:00 से 14:00 बजे के बीच अपहरण की घटना हुई थी, जब घर पर अपनी मौसी के पास सो रहा बच्चा लापता हो गया था. उसके पिता, गोवंडी निवासी 26 वर्षीय शब्बो अफसर हाशमी ने रात लगभग 10:26 बजे शिवाजीनगर पुलिस को अपराध की सूचना दी. अपहरण के आरोप में मामला दर्ज किया गया.

मामले की गंभीरता को समझते हुए—खासकर क्योंकि मानखुर्द और शिवाजीनगर जैसे आस-पास के इलाकों में भी ऐसी ही घटनाएँ सामने आई थीं—पुलिस इंस्पेक्टर भरत घोणे के नेतृत्व में पुलिस ने एक गहन अभियान शुरू किया. जाँच दल ने अपहरण स्थल के आसपास के 30 से ज़्यादा स्थानों से सीसीटीवी फुटेज खंगाले और बच्चे की तस्वीर झुग्गी-झोपड़ियों में प्रसारित की.


एपीआई संदीप रहाणे ने लापता बच्चे की जानकारी फैलाने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप्स का इस्तेमाल किया.

उनके समन्वित प्रयासों और लड़के को ढूंढने वाली महिला की नागरिक भावना के कारण, मामला मात्र 12 घंटों के भीतर सुलझ गया.

इंस्पेक्टर घोणे ने अपनी टीम और जनता की सराहना करते हुए कहा, "अपहरण के मामलों में, हर पल महत्वपूर्ण होता है. हमारे अधिकारियों ने तत्परता और समर्पण के साथ काम किया, और बच्चे की देखभाल करने वाली महिला ने वास्तव में सराहनीय काम किया. यह बचाव केवल उसकी त्वरित कार्रवाई और मानवता के कारण ही संभव हो पाया."

पुलिस अपहरण के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए जाँच जारी रखे हुए है.

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