Updated on: 18 February, 2025 11:05 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
मुंबई के मस्जिद बंदर में हुई आग की घटना के बाद स्थानीय निवासी मनमोहन शर्मा ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यह घटना पहली बार नहीं हुई और प्रशासन द्वारा अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न किए जाने से ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं.
मनमोहन शर्मा ने बताया कि मस्जिद बंदर के इस इलाके में इस प्रकार की आग की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.
रविवार को मुंबई के मस्जिद बंदर इलाके की इसाजी स्ट्रीट पर स्थित 11 मंजिला पन्न अली हवेली में लगी भीषण आग ने दो महिलाओं की जान ले ली और पांच अन्य लोगों को घायल कर दिया. फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार, यह आग सुबह 6.11 बजे ग्राउंड फ्लोर पर स्थित कॉमन मीटर बॉक्स में लगी थी, जिससे आग और धुआं ऊपरी मंजिलों तक फैल गया. मृतकों की पहचान 20 वर्षीय साजिया आलम शेख और 42 वर्षीय सबीला खातून शेख के रूप में हुई है. इस घटना के बाद स्थानीय निवासी और अधिवक्ता मनमोहन शर्मा ने इलाके में इस तरह की घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है.
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मनमोहन शर्मा ने बताया कि मस्जिद बंदर इलाके में इस प्रकार की आग की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि यह 100 साल पुरानी बिल्डिंग है, और उसके बावजूद यहां के अवैध निर्माण और गैलरी का विस्तार कर दिया गया है, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ गया है. शर्मा ने बताया कि इस इलाके में यह एक बाजार क्षेत्र है और यहां रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं. गनीमत यह रही कि यह हादसा रविवार को हुआ, जब बाजार में भीड़ कम थी. अगर यह घटना किसी अन्य दिन होती, तो नुक्सान और भी अधिक हो सकता था.
मनमोहन शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अब तक इस हादसे पर एफआईआर दर्ज नहीं की है. उन्होंने पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की, लेकिन उन्हें अब तक पुलिस से सहयोग नहीं मिला है. इसके अलावा, उन्होंने मस्जिद बंदर इलाके में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यहां कई इमारतों में अवैध तरीके से अतिरिक्त मंजिलें बनाई गई हैं और कुछ पुरानी इमारतों की गैलरी को 4 से 6 फीट तक बढ़ा दिया गया है, जिससे इलाके की भीड़ बढ़ गई है.
शर्मा ने यह भी कहा कि बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगर पालिका) इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब इस तरह की अवैध गतिविधियां चल रही हैं, तो प्रशासन और बीएमसी चुप क्यों हैं? उनका कहना है कि यह स्थिति लोगों की जान के लिए खतरे का कारण बन सकती है, और इसे नजरअंदाज करना किसी भी हालत में सही नहीं है.
यह हादसा प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है. यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और भी भयावह हो सकती हैं. प्रशासन को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
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