होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > छत्रपति संभाजीनगर हुआ औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम, महाराष्ट्र सरकार ने की घोषणा

छत्रपति संभाजीनगर हुआ औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम, महाराष्ट्र सरकार ने की घोषणा

Updated on: 19 October, 2025 03:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

यह कदम 2023 में औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के बाद उठाया है, और राजनीतिक गतिविधियों के साथ मेल खाता है.

महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर स्टेशन कर दिया है. प्रतीकात्मक तस्वीर/फ़ाइल

महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर स्टेशन कर दिया है. प्रतीकात्मक तस्वीर/फ़ाइल

महाराष्ट्र सरकार ने 15 अक्टूबर को जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया है. यह कदम 2023 में औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के बाद उठाया गया है, और यह महाराष्ट्र में स्थानीय और नगर निकाय चुनावों से पहले तेज़ राजनीतिक गतिविधियों के साथ मेल खाता है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह निर्णय भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने लिया है, हालाँकि यह प्रक्रिया सबसे पहले शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी. आईएएनएस के अनुसार, शहर और स्टेशन का नाम बदलने का यह कदम छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज को सम्मानित करने और शहर को उसके मुगलकालीन नाम से अलग करने के प्रयास का हिस्सा है, जो मूल रूप से औरंगज़ेब के सम्मान में दिया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद के सातवें निज़ाम, मीर उस्मान अली खान द्वारा 1900 में खोला गया औरंगाबाद रेलवे स्टेशन, दक्षिण मध्य रेलवे ज़ोन के नांदेड़ डिवीजन के अंतर्गत, काचीगुड़ा-मनमाड रेलवे सेक्शन पर स्थित है. यह शहर—जो अब छत्रपति संभाजीनगर है—को भारत भर के प्रमुख स्थलों से जोड़ता है.यह शहर एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र भी है, जो अजंता गुफाओं और एलोरा गुफाओं सहित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ बीबी का मकबरा और औरंगाबाद गुफाओं जैसे स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है. 


छत्रपति संभाजीनगर अक्सर द्वारों के शहर के रूप में विख्यात, ज़िले की वास्तुकला की एक समृद्ध विरासत मुगल काल से चली आ रही है. रिपोर्ट के अनुसार औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग 1980 के दशक के उत्तरार्ध से चली आ रही है, जिसके तनाव की परिणति 1988 में हुए सांप्रदायिक दंगों में हुई, जिसमें 25 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई. उसी वर्ष, शिवसेना ने औरंगाबाद नगर निगम पर नियंत्रण हासिल कर लिया. 8 मई, 1988 को, बाल ठाकरे ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि शहर का नाम बदलकर `संभाजी नगर` कर दिया जाएगा. 1995 में एक प्रस्ताव पारित किया गया और उसके बाद सार्वजनिक परामर्श हुआ.



सितंबर 2023 में, राज्य सरकार ने एक विशेष राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमोदन के बाद ज़िले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने की अधिसूचना जारी की. रिपोर्ट के मुताबिक  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में, छत्रपति संभाजीनगर को भारत की भावी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) राजधानी घोषित किया. उन्होंने हुंडई सहित हाल के निवेशों को इस बात का संकेत बताया कि यह शहर उद्योगों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है.


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK