Updated on: 24 September, 2024 08:19 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिंदे की मां ने तलोजा जेल में आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि उसने हिरासत में मानसिक यातना की शिकायत की थी और पूछा था कि उसे जेल से बाहर कब निकाला जाएगा.
इस घटना के बाद ठाणे पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार रात पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई. परिवार ने कलवा अस्पताल में उसका शव लेने से इनकार कर दिया और पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया. उनका कहना है कि शिंदे को आग्नेयास्त्रों की कोई जानकारी नहीं थी और अगर उसने बंदूक पकड़ी होती तो उसके हाथ कांप जाते. शिंदे की मां ने तलोजा जेल में आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि उसने हिरासत में मानसिक यातना की शिकायत की थी और पूछा था कि उसे जेल से बाहर कब निकाला जाएगा.
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पुलिस के अनुसार, घटना शाम 6 बजे के आसपास मुंब्रा बाईपास के पास हुई, जब शिंदे ने एपीआई मोरे की सर्विस पिस्तौल छीन ली और तीन राउंड फायर किए, जिसमें एक गोली मोरे की जांघ में लगी. आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी गोली चलाई, जिससे शिंदे गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना के बाद ठाणे पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
Akshay Shinde’s family, at Kalwa Hospital, refused to claim his body, accusing the police and government of cold-blooded murder. They claimed he didn’t know how to handle a pistol.
— Mid Day (@mid_day) September 23, 2024
Shinde`s mother said they visited him in Taloja Jail earlier that day, where he spoke of police… https://t.co/i4J5IQMrAi pic.twitter.com/SWngEa67Hu
वरिष्ठ अधिवक्ता सुजय कांतवाला ने कहा कि ठाणे पुलिस अपने मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती, क्योंकि वे खुद इसमें शामिल हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी स्थिति में राज्य सीआईडी जैसी स्वतंत्र एजेंसी को जांच की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सीआरपीसी की धारा 176 के तहत मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए, जिससे मौत के वास्तविक कारण का पता चल सके.
पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि अगर इसे हिरासत में मौत माना जाता है, तो आदर्श रूप से राज्य सीआईडी को जांच करनी चाहिए. हालांकि, यदि इसे आत्मरक्षा का मामला माना जाता है, तो स्थानीय अपराध शाखा या एसआईटी जांच कर सकती है. फिलहाल, पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि घटना के सभी पहलुओं का खुलासा हो सके. इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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