Updated on: 08 December, 2023 03:11 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बदलापुरवासियों (badalapur) के लिए एक खुशखबर आई है. शहर को अब जामुन गांव के नाम से जाना जाएगा. बदलापुर में उत्पादित जामुन को कृषि उत्पादन में भौगोलिक सूचकांक प्राप्त हुआ है. बदलापुर में करीब 20 गांवों में 1200 पेड़ हैं.
प्रतिकात्मक तस्वीर
बदलापुरवासियों (badalapur) के लिए एक खुशखबर आई है. शहर को अब जामुन गांव के नाम से जाना जाएगा. बदलापुर में उत्पादित जामुन को कृषि उत्पादन में भौगोलिक सूचकांक प्राप्त हुआ है. बदलापुर में करीब 20 गांवों में 1200 पेड़ हैं.
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बदलापुर के जामुन मुंबई, उपनगरों और कई शहरों में लोकप्रिय हैं. बदलापुर में जामुन को भौगोलिक वर्गीकरण मिला है. ठाणे के पास बदलापुर के एक युवा निवासी ने फल के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग की मांग की, जिस पर ठाणे कलेक्टरेट ने भी समर्थन दिया. आजादी के बाद पहली बार ठाणे जिले को भौगोलिक वर्गीकरण प्राप्त हुआ है.
एक शोध से पता चला है कि बदलापुर के जामुन में कई औषधीय गुण होते हैं. जामुन का एक अलग स्वाद होता है-मीठा, खट्टा और तीखा. इसके बाद कसैला स्वाद जो मुंह में सूखापन छोड़ देता है. अगर दाग कपड़ों पर लगा तो आपकी खैर ही नहीं.
गोवा के खाद्य लेखक विक्रम डॉक्टर (53) कहते हैं, जिन्होंने पहली बार तारदेओ के स्वाति स्नैक्स में गोला के रूप में जामुन का अनुभव किया था. आपको बता दें कि भारतीय लोककथाओं के साथ गहराई से जुड़े हुए, जामुन को "देवताओं का फल" माना जाता है और इसका उल्लेख भारतीय पौराणिक कथाओं में भी मिलता है.
इसको लेकर डॉक्टर ने कहा कि भगवान राम अयोध्या से अपने 14 साल लंबे वनवास को अन्य जंगली वन खाद्य पदार्थों के अलावा जामुन खाकर जीवित रहने में कामयाब रहे. इसलिए भगवान राम को समर्पित मंदिरों में जामुन के पेड़ होते हैं.
बदलापुर की जलवायु जामुन के पेड़ के लिए बिल्कुल उपयुक्त है, इसलिए यहां पर अच्छे और रसीले जामुन होते हैं. बदलापुर वासियों के लिए यह खबर वाकई खुश करने वाली है.
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