Updated on: 13 October, 2025 11:01 AM IST | Mumbai
Megha Parmar
पालघर जिला परिषद के लगभग 1000 संविदा शिक्षक पिछले चार महीनों से बिना वेतन काम कर रहे हैं, जिससे दिवाली के अवसर पर उनकी चिंता बढ़ गई है.
Pic/By Special Arrangement
पालघर जिला परिषद (ZP) के स्कूलों में लगभग 1000 संविदा शिक्षक पिछले चार महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे दिवाली नज़दीक आते ही उन्हें चिंता हो रही है. जून से संविदा के आधार पर नियुक्त इन शिक्षकों को अधिकांश शैक्षणिक सत्र का वेतन नहीं मिला है. पालघर ज़िले में लगभग 2200 प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें से कई संविदा कर्मचारियों पर निर्भर हैं.
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जीवनयापन के लिए उधार लेना
आय की कमी ने समर्पित शिक्षकों को बुनियादी जीवनयापन के खर्चों को पूरा करने के लिए भी कर्ज लेने पर मजबूर कर दिया है. पालघर ज़िले के एक ZP स्कूल में तैनात एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमें 1 जून को कार्यभार ग्रहण करने के बाद से एक भी वेतन नहीं मिला है. यह देरी असहनीय रही है. हममें से कई लोग स्कूल से दूर किराए के घरों में रहते हैं, और बिना वेतन के रोज़ाना यात्रा करना असंभव है. हमारी हालत बहुत खराब है."
एक अन्य शिक्षक, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भावनात्मक रूप से कितना नुकसान हुआ है. "हम गुज़ारा करने के लिए दोस्तों से पैसे उधार ले रहे हैं. दिवाली नज़दीक है, लेकिन हमें नहीं पता कि हमें जश्न मनाने के लिए समय पर वेतन मिलेगा या नहीं. हमारे लिए तो यह काली दिवाली जैसी लग रही है." 16,000 से 20,000 रुपये प्रति माह कमाने वाले शिक्षकों ने कहा कि किराया, खाना, कर्ज़ चुकाना और बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना बहुत मुश्किल हो गया है. उन्होंने यह मुद्दा मुख्य कार्यकारी अधिकारी के सामने उठाया है, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है.
9.4 करोड़ रुपये बकाया
सूत्रों के अनुसार, जून से सितंबर तक का लगभग 9.4 करोड़ रुपये का वेतन बकाया अभी बकाया है. हाल ही में लगभग 1.61 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, लेकिन वे ज़िले के खजाने में ही हैं. इस मामले की पुष्टि करते हुए, पालघर ज़िला परिषद के सीईओ मनोज रानाडे ने मिड-डे को आश्वासन दिया कि बकाया राशि जारी करने की प्रक्रिया चल रही है.
लगभग 1000 शिक्षकों को अभी तक वेतन नहीं मिला है. उन्हें पिछले हफ़्ते एक महीने का वेतन मिल चुका है. अगले दो महीनों की राशि तालुका को भेज दी गई है और एक-दो दिन में मिल जाएगी. बाकी तीन महीनों का वेतन जल्द ही जमा कर दिया जाएगा. हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि शिक्षकों को दिवाली से पहले वेतन मिल जाए.
रानाडे ने इस लंबी देरी के लिए नए अनुबंध व्यवस्था से जुड़ी शुरुआती समस्याओं को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि यह समस्या सिर्फ़ पालघर तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने बताया, "यह अनुबंध शिक्षकों के लिए एक नया विभाग है. इसे स्थापित होने में समय लग रहा है, और विभागाध्यक्ष भी नए हैं." उन्होंने आगे कहा, "अनुदान सिर्फ़ पालघर में ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में देरी से मिलते हैं. शुरुआत में ऐसी चीज़ें होती रहती हैं."
लेकिन जो शिक्षक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से ही लगन से काम कर रहे हैं, उनके लिए यह स्पष्टीकरण ज़्यादा राहत देने वाला नहीं है. एक शिक्षक ने धीरे से कहा, "हमारे लिए हर दिन एक संघर्ष है."
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