Updated on: 25 December, 2024 04:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
एसोसिएशन का कहना है कि यह सभी के हित में है कि स्पीडबोट चालक हमारे घाटों से दूर रहें और उन्हें आवंटित घाटों का उपयोग करें.
स्पीडबोट
फेरी एसोसिएशन ने अब महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट से शिकायत की है कि स्पीडबोट जब गुजरती है तो बहुत तेज़ गति से चलती है, जिससे उसके पीछे बड़ी लहरें पैदा होती हैं जो हमारी फेरी और उसके यात्रियों के लिए खतरनाक है. एसोसिएशन का कहना है कि यह सभी के हित में है कि स्पीडबोट चालक हमारे घाटों से दूर रहें और उन्हें आवंटित घाटों का उपयोग करें.
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पिछले सोमवार को जब नेवी की स्पीडबोट नीलकमल नाम की नाव से टकरा गई तो नीलकमल पलट गई और उस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई. त्रासदी के बाद, गेटवे ऑफ इंडिया एलिफेंटा वॉटर ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव ने महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट को उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखा है.
एसोसिएशन के मुताबिक, पर्यटकों को लाने-ले जाने के लिए यहां कुल 92 नौकाएं लगाई गई हैं, जिनमें से 88 नावें हमारी एसोसिएशन की सदस्य हैं, जबकि बाकी नीलकमल की हैं. जेट्टी संख्या 1 से 4 हमारी नौका के लिए आवंटित है जबकि जेट्टी संख्या पांच निजी स्पीडबोटों के लिए ताज के सामने आवंटित की गई है. हालाँकि, स्पीडबोट अक्सर हमारे घाट पर खड़ी रहती हैं. अब होता यह है कि जब स्पीडबोट आती-जाती है तो उसकी गति के कारण उसके पीछे लहरें बहुत तेज होती हैं, जिससे नौका को संभालना मुश्किल हो जाता है, इसलिए उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए.
ऐसी ही एक घटना 2023 में घटी थी. नौसेना की एक स्पीडबोट गेटवे ऑफ इंडिया और एलीफेंटा के बीच नौका `निजामी` से टकरा गई, जिससे नौका को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत या घायल नहीं हुआ. इस संबंध में मैरीटाइम बोर्ड का कहना है कि अभी सुरक्षा का कोई मुद्दा नहीं है, मुद्दा नौका और स्पीडबोटों को छोड़ने और लंगर डालने का है. हम जल्द ही मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और फेरी एसोसिएशन के साथ बैठेंगे और इस मुद्दे को सुलझाएंगे.`
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