होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के नाम पर ठगी, मुंबई पुलिस ने दर्ज किया मामला

दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के नाम पर ठगी, मुंबई पुलिस ने दर्ज किया मामला

Updated on: 07 February, 2025 02:25 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

साथ ही पिछले आठ सालों में इस संस्था के नाम पर कई दिग्गजों की जेब इन फर्जी पुरस्कारों पर टिकी है.

मुंबई पुलिस की फाइल फोटो

मुंबई पुलिस की फाइल फोटो

करीब आठ साल पहले ``दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल`` के नाम से एक संस्था खोली गई थी. यह संस्था मुख्य रूप से मनोरंजन उद्योग के दिग्गजों को पुरस्कार देती थी. हालांकि यह बात सामने आई है कि इस तरह से पुरस्कार देने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. साथ ही पिछले आठ सालों में इस संस्था के नाम पर कई दिग्गजों की जेब इन फर्जी पुरस्कारों पर टिकी है.

अब जब इस कंपनी का घोटाला सामने आया है तो कंपनी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अनिल मिश्रा और उनके बेटे अभिषेक मिश्रा के खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज किया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक इस महोत्सव के लिए एक जोड़े से कितने रुपये इकट्ठा होते हैं, क्या आप जानते हैं? अरे, 2.50 लाख! हाँ, और टिकट एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से भी बेचे जाते हैं.


कहा जाता है कि 2016 से उन्होंने इस फर्जी उत्सव के नाम पर उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के फर्जी पत्रों और तस्वीरों का उपयोग करते हुए स्थापित कंपनियों और विभिन्न राज्य सरकारों से प्रायोजन हासिल किया है. आरोपी ने इस अवॉर्ड फेस्टिवल में दिए गए अवॉर्ड को भी ``सरकारी अवॉर्ड`` मान लिया. और कई फिल्मी हस्तियों को इसमें शामिल होने के लिए मजबूर किया गया.अब इस पूरे प्रकरण में बीजेपी की फिल्म इकाई के प्रदेश अध्यक्ष समीर दीक्षित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अनिल मिश्रा और उनके बेटे मनीष मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया है.


आइए, इस पूरी बात को जानने की कोशिश करते हैं. दादा साहब फाल्के पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव पुरस्कार 19 और 20 फरवरी, 2025 को होटल ताज लैंड्स एंड, बांद्रा पश्चिम में आयोजित होने वाले थे. जिसमें अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी पार्वती मिश्रा कंपनी के प्रबंध निदेशक के पद पर थे. इसी कंपनी ने 30 मई, 2024 को बांद्रा पुलिस स्टेशन से अनुमति ली और बांद्रा पूर्व में इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर के कार्यालय से भी अनुमति ली. इतना ही नहीं, इस कंपनी द्वारा बांद्रा ट्रैफिक विभाग से अनापत्ति नोटिस भी प्राप्त किया गया था. 

10 जून, 2024 को थिएटर एक्सपेरिमेंट सुपरवाइज़र्स बोर्ड द्वारा लाइसेंस भी दिया गया. ऐसे में कई जगहों से इजाजत लेकर मिश्रा ने एक वेबसाइट के जरिए इंटरनेट पर इस अवॉर्ड समारोह का प्रचार-प्रसार शुरू किया. लेकिन अब अभियोजक ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है. शिकायत की गई है कि यह पुरस्कार समारोह केंद्र सरकार का है और इसे कई कंपनियों, विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों, बैंकों, बीमा एजेंसियों से प्रायोजन मिला है. 


इतना ही नहीं, इन लोगों ने ज्यादा मुनाफा पाने के लिए बुकमायशो पर एक जोड़े के लिए 2.5 लाख रुपये की फीस भी रखी. इस तरह आरोप लगाया गया है कि नागरिकों और सरकार को करोड़ों का चूना लगाया गया है. इस पूरे मामले में आरोपी अनिल मिश्रा ने झूठी और फर्जी मंशा से खुद को परामर्शदात्री समिति का सदस्य भी मान लिया. बताया जाता है कि इस मामले में मिश्रा का बेटा अभिषेक मिश्रा भी आरोपी है. फिलहाल पुलिस ने भारतीय न्यायिक संहिता की धारा 318(4) और 319(2) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. और मामले की आगे की जांच की जा रही है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK