होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > मराठा आंदोलन स्थल पर बीएमसी ने संभाली कमान, रातभर चला सफाई अभियान

मराठा आंदोलन स्थल पर बीएमसी ने संभाली कमान, रातभर चला सफाई अभियान

Updated on: 02 September, 2025 02:26 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

आज़ाद मैदान और उसके आसपास चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने स्वच्छता और सुविधाओं की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है.

Pics/Sayyed Sameer Abedi

Pics/Sayyed Sameer Abedi

मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते जहां आज़ाद मैदान और आसपास का इलाका हजारों आंदोलनकारियों की मौजूदगी से भरा हुआ है, वहीं स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने विशेष अभियान शुरू किया है. सोमवार (1 सितंबर 2025) की मध्यरात्रि से बीएमसी ने हजारों कर्मचारियों और अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से इस इलाके में स्वच्छता की व्यापक व्यवस्था की है.

बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, पहली शिफ्ट में ही 400 से अधिक सफाई कर्मचारी पूरी रात मैदान और उसके आसपास सक्रिय रहे. मंगलवार सुबह (2 सितंबर) से अभियान और तेज़ हो गया, जिसमें 1,000 से अधिक कर्मचारी जुट गए. बीएमसी ने बताया कि यह प्रक्रिया दिन-रात तीन चरणों में लगातार जारी है ताकि मैदान में भीड़ के बावजूद गंदगी और स्वास्थ्य संबंधी खतरे से बचा जा सके.


बीएमसी के प्रयासों को आंदोलनकारियों का भी समर्थन मिल रहा है. प्रशासन की अपील पर आंदोलन में शामिल लोग भी कचरा इकट्ठा करने और बैग्स में भरने में सहयोग कर रहे हैं. बीएमसी ने लगभग 2,000 डस्टबिन बैग और कई कचरा पेटियां आंदोलन स्थल पर वितरित की हैं. साथ ही, कचरा उठाने के लिए दो मिनी कॉम्पैक्टर, एक बड़ा कॉम्पैक्टर और पांच छोटे वाहन भी लगातार सक्रिय हैं.


 


 

सुविधाओं की बात करें तो मैदान और उसके आसपास 450 से अधिक शौचालयों की व्यवस्था की गई है. इनमें से कुछ स्थायी और कुछ मोबाइल टॉयलेट्स हैं. रातभर सक्शन और जेट स्प्रे मशीनों की मदद से शौचालयों की सफाई कराई गई. बीएमसी ने प्रत्येक शिफ्ट में शौचालयों की सफाई के लिए समर्पित टीम तैनात की है ताकि आंदोलनकारियों को असुविधा न हो.

इसके अलावा, पानी की आपूर्ति के लिए 25 टैंकर (जिनमें मिनी टैंकर भी शामिल हैं) मैदान और आसपास के इलाकों में लगाए गए हैं. यहां तक कि पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था के लिए मुंबई फायर ब्रिगेड की मदद से 40 हाई-पावर फ्लड लाइट्स वाला टॉवर लगाया गया है, जिससे रात के समय भी सुरक्षा और व्यवस्था बनी रहे.

स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. आंदोलन स्थल पर स्वतंत्र मेडिकल कैंप शुरू किया गया है. बीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 1 सितंबर को ही लगभग 4,000 आंदोलनकारियों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ लिया, जबकि 35 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद नज़दीकी अस्पताल भेजा गया.

गंदगी और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए बीएमसी के कीट नियंत्रण विभाग की टीम ने मैदान और उसके आसपास धूम्र फवारणी और जंतुनाशक दवाओं का छिड़काव भी नियमित रूप से किया है.

 

बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि आंदोलन के दौरान भी आज़ाद मैदान और उसके आसपास का इलाका साफ-सुथरा और सुरक्षित रहे. “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आंदोलनकारियों को पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी न हो. इसमें आंदोलनकारियों का सहयोग भी बेहद सराहनीय है,” बीएमसी प्रवक्ता ने कहा.

मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच बीएमसी की यह पहल न सिर्फ प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाती है बल्कि यह भी दिखाती है कि बड़ी भीड़ और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी मुंबई का नगर निगम जनसुविधाओं को प्राथमिकता देता है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK