आज सातवें दिन, विधिवत पूजा और आरती के बाद गणेश विसर्जन का आयोजन किया गया. (Pics / Ashish Raje)
विसर्जन जुलूस से पहले पूरे पुलिस स्टेशन का माहौल उत्सव की धुनों और भक्तिमय वातावरण से गूंज उठा. सभी पुलिसकर्मी और स्टाफ के सदस्य पीले रंग के कुर्ते और सफेद पैजामे में पारंपरिक अंदाज में नजर आए. ढोल-ताशों की थाप और भक्ति गीतों की गूंज के साथ सभी ने मिलकर बप्पा को विदाई दी.
गणेश विसर्जन के दौरान पुलिसकर्मी नाच-गाने में झूमते दिखे. उत्साह और अनुशासन का यह अद्भुत संगम सभी उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणादायक रहा.
पुलिस स्टेशन के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस अवसर पर भाग लिया और कर्मचारियों के साथ मिलकर बप्पा की आरती की.
स्थानीय नागरिकों ने भी पुलिसकर्मियों के इस कदम की सराहना की और कहा कि गणेशोत्सव जैसी सांस्कृतिक परंपरा में पुलिस का शामिल होना समाज और जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश देता है.
पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, “गणपति बप्पा मोरया की गूंज के बीच यहां सात दिन का यह पर्व सभी के लिए अविस्मरणीय रहा. पहली बार पुलिस परिवार ने मिलकर बप्पा की स्थापना की और पूरे उत्साह के साथ उत्सव मनाया.”
गौरतलब है कि गणेशोत्सव सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि समाज और समुदाय को एकजुट करने का पर्व माना जाता है. इस पहल से शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन ने एक मिसाल पेश की है कि कर्तव्य और परंपरा को एक साथ निभाया जा सकता है.
आज विसर्जन के साथ भले ही बप्पा को विदा किया गया हो, लेकिन सात दिनों तक गूँजती रही बप्पा की आरती, मंत्र और भक्ति की ध्वनि पुलिस स्टेशन के हर कोने में एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता छोड़ गई है.
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