Updated on: 19 February, 2025 04:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जीबीएस प्रकोप पर अपडेट साझा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि इनमें से 183 दुर्लभ तंत्रिका विकार के पुष्ट मामले हैं.
प्रतीकात्मक छवि
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में गुलैन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या मंगलवार को एक नए मामले का पता चलने के साथ 211 तक पहुंच गई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जीबीएस प्रकोप पर अपडेट साझा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि इनमें से 183 दुर्लभ तंत्रिका विकार के पुष्ट मामले हैं. जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, पैरों और/या बाहों में संवेदना का नुकसान, साथ ही निगलने या सांस लेने में समस्या होती है. कुल 211 मामलों में से 42 पुणे से हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, "अब तक कुल 139 रोगियों को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 39 गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं और 18 अन्य वेंटिलेटर पर हैं." जीबीएस के कारण कुल नौ मौतें हुई हैं. इसमें कहा गया है कि इनमें से चार की जीबीएस से मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पांच अन्य के इस विकार से मरने का संदेह है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने लोगों से गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नामक तंत्रिका विकार के प्रकोप के बीच एहतियात के तौर पर अधपका चिकन खाने से बचने का आग्रह किया है.
पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए, जहां राज्य में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, पवार ने पोल्ट्री खपत से प्रकोप को जोड़ने वाली चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुर्गियों को मारने की कोई आवश्यकता नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार पवार ने कहा, "हाल ही में, खडकवासला बांध क्षेत्र (पुणे में) में जीबीएस प्रकोप की सूचना मिली थी. कुछ लोगों ने इसे पानी के प्रदूषण से जोड़ा, जबकि अन्य ने अनुमान लगाया कि यह चिकन खाने के कारण हुआ. विस्तृत समीक्षा के बाद, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मुर्गियों को मारने की कोई आवश्यकता नहीं है."
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे सुनिश्चित करें कि उनका भोजन, विशेष रूप से चिकन, स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को रोकने के लिए अच्छी तरह से पकाया गया हो. रिपोर्ट के मुताबिक पवार ने कहा, "डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि भोजन को अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए. जीबीएस की स्थिति नियंत्रण में है, और मुर्गियों को मारने की कोई आवश्यकता नहीं है."
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