Updated on: 02 April, 2024 06:43 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
Lok Sabha Election 2024: उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद उन्मेश पाटिल, जो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी का टिकट पाने में असफल रहे. उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत से मुलाकात की, जिससे उनके भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में अटकलें तेज हो गईं.
सांसद उन्मेश पाटिल, संजय राउत के बाद उद्धव ठाकरे से करेंगे मुलाकात
Lok Sabha Election 2024: उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद उन्मेश पाटिल, जो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी का टिकट पाने में असफल रहे. उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत से मुलाकात की, जिससे उनके भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में अटकलें तेज हो गईं. उन्मेश पाटिल अब पाला बदल सकते हैं. वो मातोश्री पहुंचे, जहां वह उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे.
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भाजपा ने कथित तौर पर उन्मेश पाटिल को टिकट देने से इनकार कर दिया है और उनकी जगह जलगांव संसदीय क्षेत्र से स्मिता वाघ को टिकट दिया है. 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव बीजेपी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और `महायुति` (महागठबंधन) के हिस्से के रूप में लड़ रही है. इसके दो अन्य घटक दलों में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल है.
मंगलवार को बताया कि संजय राउत से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्मेश पाटिल ने कहा, "आपके सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया जाएगा, लेकिन आज इसके लिए उपयुक्त दिन नहीं है." (Lok Sabha Election 2024)
उन्मेश पाटिल ने कहा कि वह और संजय राउत संसद में सहकर्मी रहे हैं और वह उनके साथ बातचीत करना चाहते थे.उन्होंने कहा कि संजय राउत के साथ उनकी मुलाकात राजनीति से परे दोस्ती को बचाने का एक प्रयास मात्र थी.
इस बीच, महाराष्ट्र के लिए भाजपा के प्रभारी दिनेश शर्मा ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता जिस तरह के हिंदुत्व के लिए खड़े होने की उम्मीद करते हैं, वह अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा नहीं बल्कि भाजपा द्वारा किया जाता है. यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर उद्धव ठाकरे ने भाजपा को धोखा दिया और अपना रुख हिंदुत्व समर्थक पार्टी से बदलकर राम मंदिर विरोधी पार्टी में बदल लिया.
उन्मेश पाटिल ने कहा, "शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता जिस तरह के हिंदुत्व की उम्मीद करते हैं, उसका अनुसरण भाजपा भी करती है. यह अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना द्वारा अभ्यास नहीं किया जाता है, जिसने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. यह वही कांग्रेस है जो एक समय थी. अयोध्या में रामलला के अस्तित्व को खारिज कर दिया.``
दिनेश शर्मा ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अयोध्या राम मंदिर मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमता है.
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