होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > महाराष्ट्र सरकार का एक करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य

महाराष्ट्र सरकार का एक करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य

Updated on: 10 August, 2025 02:19 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना इस पहल का एक प्रमुख हिस्सा है. इस योजना को बंद करने की अफवाहों के बावजूद, सरकार इसे जारी रखने और उचित समय पर सहायता बढ़ाने का इरादा रखती है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुद्रा ऋण और लखपति दीदी योजना जैसी पहलों के माध्यम से महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. फाइल फोटो

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुद्रा ऋण और लखपति दीदी योजना जैसी पहलों के माध्यम से महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. फाइल फोटो

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य में एक करोड़ "लखपति दीदी" बनाना है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि पिछले साल 25 लाख `लखपति दीदी` बनाई गईं और इस साल 25 लाख और जोड़ने का लक्ष्य है. मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना इस पहल का एक प्रमुख हिस्सा है. इस योजना को बंद करने की अफवाहों के बावजूद, सरकार इसे जारी रखने और उचित समय पर सहायता बढ़ाने का इरादा रखती है.

रिपोर्ट के मुताबिक लखपति दीदी केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक शब्द है जिसका अर्थ है स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्य जिनकी वार्षिक घरेलू आय 1 लाख रुपये या उससे अधिक है. इस आय का आकलन कम से कम चार कृषि मौसमों या व्यावसायिक चक्रों में किया जाता है, जिसमें औसत मासिक आय 10,000 रुपये से अधिक होती है.


लड़की बहन योजना राज्य सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसके तहत पात्र महिला लाभार्थियों को वार्षिक घरेलू आय सीमा जैसी कुछ शर्तों के अधीन 1500 रुपये प्रति माह मिलते हैं. रिपोर्ट के अनुसार फडणवीस ने कहा कि कुछ लोगों ने इस योजना का दुरुपयोग किया है, जिसमें पुरुष लाभ का झूठा दावा करने के लिए मोटरसाइकिलों की तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं. सरकार ऐसे नामों को लाभार्थी सूची से हटाकर कार्रवाई कर रही है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश में सबसे आगे है और 10 जिलों में मॉल स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है जहाँ इन समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि वित्त पोषण और परिक्रामी निधि में वृद्धि की गई है, और इस बात पर ज़ोर दिया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ऋण चुकौती दर बहुत अधिक है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कई योजनाओं में पुरुष अपने ऋण का 50 प्रतिशत भी चुकाने में विफल रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की सत्ता बरकरार रखने में सफलता का श्रेय महिलाओं के समर्थन को दिया. उन्होंने भाइयों को अपनी बहनों को सशक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें. फडणवीस ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मुद्रा ऋण और लखपति दीदी योजना जैसी पहलों के माध्यम से महिलाओं की स्थिति में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने बताया कि पिछले दशक में मुद्रा ऋण लाभार्थियों में से 60 प्रतिशत महिलाएँ रही हैं.


उन्होंने आगे कहा कि इन योजनाओं की बदौलत 25 करोड़ परिवार गरीबी से बाहर निकले हैं, जिससे महिलाएँ मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में शामिल हुई हैं.मुख्यमंत्री ने उस समय को याद किया जब भारत वैश्विक व्यापार का 35 प्रतिशत और विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 30 प्रतिशत हिस्सा था. उन्होंने यह कहते हुए समापन किया कि भारत का पतन तब शुरू हुआ जब महिलाओं के प्रति सम्मान कम हुआ और जातिगत विभाजन बढ़ा. भारत को फिर से विकसित करने के लिए, महिलाओं को शामिल और सशक्त बनाना होगा.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK