Updated on: 07 July, 2024 06:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, पाटिल ने कहा कि दोनों समुदायों को यह समझाना होगा कि "ऋषि सोयारे" पर अधिसूचना किसी के हित को नुकसान नहीं पहुंचाएगी.
चंद्रकांत पाटिल. फ़ाइल चित्र
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि जिन लोगों के रिकॉर्ड कुनबी के रूप में पाए गए हैं, उनके "ऋषि सोयारे" (रक्त संबंधी) को भी कुनबी प्रमाण-पत्र मिलेंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कुछ ओबीसी नेताओं ने मराठों के लिए इस तरह के कदम का विरोध किया है. शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, पाटिल ने कहा कि दोनों समुदायों (ओबीसी और मराठा) को यह समझाना होगा कि "ऋषि सोयारे" पर अधिसूचना किसी के हित को नुकसान नहीं पहुंचाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करेगी.
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रिपोर्ट के मुताबिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे, कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के "ऋषि सोयारे" के रूप में मान्यता देने वाली मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं. वह मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण-पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे कोटा लाभ के पात्र बन सकें. कुनबी, एक कृषि समूह है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी का हिस्सा है.
मंत्री पाटिल ने कहा, "जिनके अभिलेख (कुनबी के रूप में) पाए जाएंगे, उन्हें कुनबी प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे. कुनबी प्रमाण-पत्र पाने वालों के ऋषि सोयारे को भी (कुनबी) प्रमाण-पत्र मिलेगा". रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हेके और नवनाथ वाघमारे ने 10 दिनों तक भूख हड़ताल की थी, जिसमें मांग की गई थी कि मराठों को कोटा लाभ प्राप्त करने के लिए कुनबी प्रमाण-पत्र देने वाली अधिसूचना का मसौदा रद्द किया जाए. उन्होंने मांग की है कि ओबीसी कोटा को कम नहीं किया जाना चाहिए. दोनों ने जारंगे की मांग के जवाब में भूख हड़ताल शुरू की थी कि मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिलना चाहिए. पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
इस बीच, मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को अपने समुदाय के विधायकों और सांसदों से ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की लड़ाई में एकजुट होने का आग्रह किया, अन्यथा आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकारों से बात करते हुए, जरांगे ने मराठा आरक्षण की मांग की वकालत करते हुए 6 से 13 जुलाई तक महाराष्ट्र के हर जिले में शांतिपूर्ण रैलियां आयोजित करने की योजना की रूपरेखा बताई. उन्होंने कहा, "मराठा समुदाय के नेताओं को मराठा आरक्षण के लिए एकजुटता दिखाने के लिए इन रैलियों में शामिल होना चाहिए. उन्हें `सेज सोयरे` (रक्त संबंधी) और पुराने हैदराबाद और सतारा गजट के मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग करनी चाहिए, जिसने साबित किया है कि मराठा कुनबी हैं".
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