Updated on: 07 September, 2025 01:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा, "हम श्रेय लेने की लड़ाई में नहीं हैं... महायुति सरकार मराठा समुदाय और ओबीसी समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है.
एकनाथ शिंदे. फ़ाइल चित्र
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा और ओबीसी समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु महायुति सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया, साथ ही श्रेय लेने की किसी भी होड़ को खारिज किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "हम श्रेय लेने की लड़ाई में नहीं हैं... महायुति सरकार मराठा समुदाय और ओबीसी समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है.... यह सरकार राज्य के विकास और आम लोगों की मदद के लिए काम करती रहेगी."
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रिपोर्ट के मुताबिक मराठा आरक्षण के फैसले के बाद, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए छह सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति बनाने का फैसला किया है, जिसमें प्रत्येक दल से दो मंत्री होंगे. इस कदम का उद्देश्य ओबीसी समुदाय की चिंताओं का समाधान करना है, जो राहत प्रदान करने के सरकार के प्रयासों का संकेत है.
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे सभी मराठों को कुनबी श्रेणी में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं, जो ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत एक उप-जाति है, जिससे समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ उठाने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को, जरांगे ने इसे समुदाय के लिए "दिवाली" बताया.
इस बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी शनिवार को गणपति विसर्जन समारोह में भाग लिया और शांतिपूर्ण विसर्जन का आश्वासन देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण भक्तों को कोई असुविधा नहीं होगी. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "यह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगा. श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं."
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