Updated on: 18 September, 2024 12:48 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
सितंबर महीने में मुंबई में डेंगू से हर घंटे औसतन 2 लोगों की मौत हुई. एक दिन में औसतन 43 मलेरिया के मरीज सामने आए.
डेंगू की प्रतीकात्मक तस्वीर
जैसे-जैसे मानसून अब धीरे-धीरे विदा हो रहा है, मुंबई में मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है. मुंबई में डेंगू के मामले सामने आए हैं कि मुंबईवासी मच्छर जनित बीमारी से पीड़ित हैं. सितंबर महीने में मुंबई में डेंगू से हर घंटे औसतन 2 लोगों की मौत हुई. एक दिन में औसतन 43 मलेरिया के मरीज सामने आए. बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक डेंगू वायरल बुखार से प्रभावित मुंबईकरों की संख्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है. सितंबर के पहले हफ्ते में मुंबई में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण अनियमित बारिश है.
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इसके साथ ही मुंबई के डॉक्टर यह भी बता रहे हैं कि डेंगू और चिकनगुनिया वायरल बुखार के मरीज़ विशेष रूप से तेज़ बुखार, उल्टी और गंभीर शरीर दर्द से पीड़ित हैं. लीलावती अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सी. सी. नायर का कहना है कि मानसून के दौरान हमारे अस्पताल में डेंगू और चिकनगुनिया के कई मरीज मिले हैं. जिनमें से 50 से 60 फीसदी मरीजों को भर्ती किया जा चुका है. जिसमें ज्यादातर यह बात सामने आई है कि उनका प्लेटलेट काउंट अचानक कम हो गया है.
हमने डेंगू और चिकनगुनिया के बारे में बात की है, लेकिन इसके अलावा 1 से 15 सितंबर की अवधि के दौरान लेप्टोस्पायरोसिस के 35 मामले भी देखे गए हैं. इस बारे में एक जाने-माने डॉक्टर बताते हैं कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या पहले की तुलना में कम हो गई है. कम बारिश के कारण लेप्टो के मरीज भी कम हो रहे हैं.
8 सितंबर को महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई. इस रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से 7 सितंबर के बीच विभिन्न मानसूनी बीमारियों के कारण 75 लोगों की जान चली गई. आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 39 मौतें H1N1, जिसे पहले स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाता था, के कारण हुईं. जबकि डेंगू से 17 लोगों की मौत हो गई.
मच्छरों के काटने से बचने के लिए सबसे पहले सुरक्षा कपड़े पहनने चाहिए. अधिकतर लंबी बाजू के कपड़े, लंबी पैंट और मोज़े पहनने चाहिए. जिन स्थानों पर मच्छर अधिक हों, वहां मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें. मच्छरों को आपके घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए खिड़की और दरवाज़े पर जाली लगाई जा सकती है. डेंगू या चिकनगुनिया से संक्रमित होने पर हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है.
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