Updated on: 11 September, 2025 03:18 PM IST | Mumbai
Ritika Gondhalekar
पुल के पास अचानक सड़क मोड़ने वाले बोर्ड लगा दिए गए, जिससे संकेत मिलता है कि पुल तोड़ने की योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है.
एमएमआरडीए द्वारा एलफिंस्टन ब्रिज को बंद करने का साइनबोर्ड लगाए जाने के बाद बुधवार को स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करने के लिए उमड़ पड़े. तस्वीर/सैय्यद समीर अबेदी
ब्रिटिशकालीन एलफिंस्टन ब्रिज के भविष्य को लेकर एलफिंस्टन निवासियों और नगर निगम अधिकारियों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद बुधवार शाम एक बार फिर भड़क उठा. पुल के पास अचानक सड़क मोड़ने वाले बोर्ड लगा दिए गए, जिससे संकेत मिलता है कि पुल को तोड़ने और यातायात प्रबंधन की योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है - जिससे स्थानीय लोगों में विरोध और नई चिंता भड़क उठी.
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इस साल अप्रैल में, जब एमएमआरडीए और यातायात विभाग ने पहली बार पुल को बंद करने की घोषणा की थी, तो निवासियों ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था और यहाँ तक कि तोड़फोड़ की मशीनें भी वापस भेज दी थीं. विरोध के बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थानीय लोगों को मौखिक रूप से आश्वासन दिया था कि जब तक 19 प्रभावित इमारतों के निवासियों के पुनर्वास का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक पुल को बंद नहीं किया जाएगा और न ही तोड़फोड़ का काम शुरू होगा.
निवासी अब इस बात से नाराज़ हैं कि बिना किसी आधिकारिक पुनर्वास योजना के फिर से मोड़ने वाले बोर्ड लगा दिए गए हैं. सबसे बुरी तरह प्रभावित इमारतों में से एक, हाजी नूरानी बिल्डिंग की रबिया ठाकुर ने कहा, "पिछले 10 दिनों से, हम यातायात विभाग और एमएमआरडीए से वैकल्पिक व्यवस्था और समय-सीमा के बारे में लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों की चुप्पी ने हमारी निराशा को और बढ़ा दिया है."
उसी इमारत के सचिव मुनाफ ठाकुर ने कहा, "हमें बताया गया था कि हमें डायवर्जन और तोड़फोड़ पर लिखित स्पष्टीकरण मिलेगा, लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके बजाय, रातोंरात बोर्ड लगा दिए गए. यह विश्वासघात के अलावा और कुछ नहीं है." स्थानीय दुकानदारों ने भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध से उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा. एक होटल मालिक ने पूछा, "छोटे होटलों के लिए, कुछ हफ़्तों का भी व्यवधान भारी नुकसान का कारण बनता है. हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन खराब योजना के कारण हमारी आजीविका क्यों प्रभावित हो?"
भोईवाड़ा पुलिस ने अब एमएमआरडीए और यातायात अधिकारियों को एक बैठक के लिए बुलाया है. वरिष्ठ निरीक्षक दत्ताराम ठाकुर ने कहा, "हम पूछेंगे कि पुनर्वास पर किसी भी निर्णय से पहले डायवर्जन बोर्ड क्यों लगाए गए." कड़े विरोध के बाद, डायवर्जन बोर्ड अंततः हटा दिए गए. पूर्व पार्षद पूर्णिमा उल्हास पंचाल ने कहा, "हमने उन्हें हटाने की मांग की क्योंकि वे यात्रियों को गुमराह करते हैं और यातायात की अव्यवस्था को बढ़ाते हैं."
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