Updated on: 12 September, 2025 03:37 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर कड़ा विरोध जताते हुए बीसीसीआई को राष्ट्र-विरोधी करार दिया.
X/Pics, Aaditya Thackeray
शिवसेना (यूबीटी) ने एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले का कड़ा विरोध किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक तीखा बयान जारी करते हुए कहा कि पैसे के लिए पाकिस्तान से खेलना न केवल राष्ट्र-विरोधी है, बल्कि मानवता के खिलाफ भी है.
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I’m quite shocked to see the shameless behaviour of the @BCCI that is not just anti- national, but anti- human.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) September 12, 2025
Playing with pakistan, from where the terrorists who massacred fellow Indians in Pahalgam came, for money is absolute shameless.
Those playing must remember this.…
ठाकरे ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वही देश है जहाँ से पहलगाम में निर्दोष भारतीयों का नरसंहार करने वाले आतंकवादी आते हैं, और अब उन्हीं के देश के साथ क्रिकेट खेलना हमारे शहीदों के बलिदान का अपमान है. उन्होंने लिखा कि जो खिलाड़ी इस मैच में उतर रहे हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान ने खुद कभी भारत में आयोजित एशिया कप (हॉकी) का बहिष्कार किया था. इसके बावजूद बीसीसीआई महज पैसों के लिए पाकिस्तान के साथ खेलने को तैयार है, जो पूरी तरह शर्मनाक और राष्ट्र-विरोधी है.
आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमेशा कहा कि भारत पर हुए आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी उन्हीं हमलों के बाद की गई सशस्त्र बलों की कार्रवाई को अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया. ऐसे में अब वही सरकार पाकिस्तान से क्रिकेट खेल पर चुप क्यों है?
ठाकरे ने सवाल दागा, “क्या यही सिंदूर की कीमत है? क्या केंद्र सरकार बीसीसीआई को यह आदेश नहीं दे सकती कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई द्विपक्षीय या बहुपक्षीय मैच न खेले जाएं?”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को खुलेआम संरक्षण देने वाले देश के साथ खेल संबंध रखना देश की सुरक्षा, सम्मान और शहीदों की कुर्बानी के साथ विश्वासघात है. शिवसेना (यूबीटी) ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस मैच का पुरजोर विरोध करेगी और बीसीसीआई को देशहित में अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
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