Updated on: 30 April, 2024 10:50 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
बच्चों की देखभाल में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए माता-पिता की क्या भूमिका होती है? इस बारे में भी बताया गया.
बच्चे की देखभाल सही मायनों में मां के गर्भाधान से तीन वर्ष की आयु तक शुरू होती है.
Govandi News: बच्चों की देखभाल से संबंधित प्रथम आंतरिक अभिभावक मेला हाल ही में आयोजिय की गई. इसका आयोजन एकीकृत बाल विकास सेवा योजना द्वारा गोवंडी परियोजना पी.वाई. थोराट बीट में किया गया था. यह उपक्रम आंगनवाड़ी के माध्यम से किया गया. गोवंडी के इस आंगनवाड़ी क्षेत्र में बच्चों को भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती हैं. इसके साथ ही बाल विकास और बाल देखभाल के महत्व माता-पिता तक पहुंचाने का काम इसके जरिए किया गया. इसमें पी.वाई. थोराट क्षेत्र से लगभग 150 अभिभावकों ने भाग लिया. इस मेला के दौरान बताया गया कि बच्चों की देखभाल परिवार के हर सदस्य की ज़िम्मेदारी है. इसके अलावा बच्चों की देखभाल में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए माता-पिता की क्या भूमिका होती है? इस बारे में भी बताया गया.
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इसके साथ ही बताया गया कि बच्चे की देखभाल सही मायनों में मां के गर्भाधान से तीन वर्ष की आयु तक शुरू होती है. जब बच्चों की बुद्धि तेजी से विकसित होती है, इस स्वर्ण युग के दौरान देखभालकर्ता की भूमिका के अनुरूप विभिन्न गतिविधियाँ शुरू होती है. छोटी आयु में बच्चें जमैका सिद्धार्थ, डॉल हाऊस, होम जैसे खिलौनों से खेलना पसंद करते है. उक्त अभिभावक को मेला के दौरान समझाया गया.
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