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ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय बैठक, संजय राउत बोले– आतंकियों को लाकर करवाएं पहचान

Updated on: 09 May, 2025 01:00 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

बैठक का मकसद हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर साझा सहमति बनाना था.

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गुरुवार को केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों को जानकारी देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की. इस अहम बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी, टीएमसी, डीएमके, शिवसेना (UBT) और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.

बैठक का मकसद हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देना और राष्ट्रीय सुरक्षा पर साझा सहमति बनाना था. सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के दौरान बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकियों के ठिकानों पर केंद्रित था, जहां हाल ही में कई सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों पर हमले हुए थे.


 



 

बैठक में शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक ठोस मांग उठाई. उन्होंने कहा, “हमने सर्वदलीय बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि पहलगाम में हमारे लोगों को मारने वाले आतंकवादियों को जिंदा पकड़कर भारत लाना चाहिए. साथ ही उन महिलाओं को बुलाकर पहचान करवाई जाए, जिन्होंने अपने परिवारजनों को खोया है. यह मांग मैंने देश की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए रखी है.”

संजय राउत ने ANI से बातचीत में यह भी कहा कि, “जब देश युद्ध की स्थिति में होता है, तब हमें सरकार नहीं, बल्कि देश की रक्षा कर रही हमारी सशस्त्र सेनाओं का समर्थन करना चाहिए. यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है. भारत के हर नागरिक को चाहिए कि वह सेना के साथ मजबूती से खड़ा हो.”

उन्होंने विपक्षी दलों से भी आह्वान किया कि राजनीतिक मतभेदों को एक ओर रखकर इस समय एकजुट होकर देश और सुरक्षा बलों के साथ खड़े रहें. राउत के इस रुख को देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.

सर्वदलीय बैठक के माध्यम से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक सहमति और राष्ट्रीय एकता बेहद जरूरी है.

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