Updated on: 15 January, 2025 03:08 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है और एक विश्वसनीय और जिम्मेदार भागीदार के रूप में पहचाना जा रहा है.
तस्वीर/पीटीआई
भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में शामिल किया गया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है और दुनिया में एक विश्वसनीय और जिम्मेदार भागीदार के रूप में पहचाना जा रहा है. तीन नौसैनिक युद्धपोतों के शामिल होने के बाद बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक खुले, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि बुधवार को पहली बार एक विध्वंसक, एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ शामिल किया गया, उन्होंने कहा कि तीनों `मेड इन इंडिया` हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि `आत्मनिर्भर भारत` पहल ने देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत "प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता" के रूप में उभरा है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक गतिशीलता को दिशा देने में प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है. उन्होंने कहा, "क्षेत्रीय जल, नौवहन की स्वतंत्रता और सुरक्षित व्यापार आपूर्ति लाइनों और समुद्री मार्गों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है."
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi dedicates three frontline naval combatants INS Surat, INS Nilgiri and INS Vaghsheer to the nation
— ANI (@ANI) January 15, 2025
(Source: ANI/DD) pic.twitter.com/0PI3kxlVT4
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत विकास के लिए काम कर रहा है, विस्तारवाद के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 33 जहाजों और सात पनडुब्बियों को नौसेना में शामिल किया गया है. नौसेना ने तीन प्रमुख लड़ाकू जहाजों के शामिल होने को ऐतिहासिक अवसर बताया. प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट क्लास का प्रमुख जहाज आईएनएस नीलगिरी शिवालिक-क्लास फ्रिगेट की तुलना में एक महत्वपूर्ण उन्नति का प्रतिनिधित्व करता है. भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित, इसमें उन्नत उत्तरजीविता, समुद्री यात्रा और चुपके के लिए उन्नत सुविधाएँ शामिल हैं, जो स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है.
इसमें उन्नत स्टील्थ तकनीक और कम रडार सिग्नेचर हैं. यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से सुसज्जित है और कई प्रकार के हेलीकॉप्टरों को संचालित कर सकता है, जिसमें हाल ही में शामिल किया गया MH-60R भी शामिल है. प्रोजेक्ट 15B स्टील्थ डिस्ट्रॉयर क्लास का चौथा और अंतिम पोत INS सूरत, कोलकाता-क्लास डिस्ट्रॉयर का अनुवर्ती है. इसमें डिज़ाइन और क्षमता में सुधार शामिल हैं, जो इसे नौसेना के सतही बेड़े में एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त बनाता है. INS नीलगिरी की तरह, इसे भी वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया है और MDL में इसका निर्माण किया गया है. INS वाघशीर स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत छठी पनडुब्बी है.
यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है जिसे सतही युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध और खुफिया जानकारी जुटाने सहित कई भूमिकाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें मॉड्यूलर निर्माण की सुविधा है, जो भविष्य में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन तकनीक जैसे उन्नयन को सक्षम बनाता है. इन जहाजों का कमीशन भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम है. तीनों प्लेटफॉर्म पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और निर्मित किए गए हैं, जो रक्षा उत्पादन में देश की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है. अधिकारियों के अनुसार, इन लड़ाकू विमानों का व्यापक परीक्षण किया जा चुका है और अब ये पूरी तरह से परिचालन में हैं, तथा नौसेना की समुद्री ताकत को बढ़ाने के लिए तैयार हैं.
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