Updated on: 06 December, 2024 09:39 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया.
X/Pics, Narendra Modi
आज 6 दिसंबर को भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर देशभर में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब अंबेडकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके संघर्ष और योगदान को याद करते हुए ट्वीट किया.
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, "महापरिनिर्वाण दिवस पर हम संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हैं. समानता और मानवीय गरिमा के लिए डॉ. अंबेडकर का अथक संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. आज, जब हम उनके योगदान को याद करते हैं, तो हम उनके सपने को पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं."
प्रधानमंत्री ने इस ट्वीट के साथ इस साल की शुरुआत में मुंबई स्थित चैत्य भूमि की अपनी यात्रा की तस्वीर भी साझा की. उन्होंने "जय भीम" कहते हुए डॉ. अंबेडकर के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की.
On Mahaparinirvan Diwas, we bow to Dr. Babasaheb Ambedkar, the architect of our Constitution and a beacon of social justice.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 6, 2024
Dr. Ambedkar’s tireless fight for equality and human dignity continues to inspire generations. Today, as we remember his contributions, we also reiterate… pic.twitter.com/b6FkWCj8Uh
डॉ. अंबेडकर: समानता और न्याय के प्रतीक
डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी अद्वितीय भूमिका निभाई. वह न केवल एक प्रखर विधिवेत्ता थे, बल्कि दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले महान समाज सुधारक भी थे. उनके प्रयासों ने भारत में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाई.
डॉ. अंबेडकर का मानना था कि समाज में सभी के लिए समान अवसर और मानवीय गरिमा होनी चाहिए. उन्होंने शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को सामाजिक समानता प्राप्त करने का माध्यम माना. उनके द्वारा स्थापित आदर्श और विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं.
महापरिनिर्वाण दिवस का महत्व
6 दिसंबर 1956 को डॉ. अंबेडकर का महापरिनिर्वाण हुआ. उनकी पुण्यतिथि को हर साल महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देशभर के लोग उनके विचारों और योगदान को याद करते हैं. मुंबई स्थित चैत्य भूमि, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था, इस दिन विशेष श्रद्धांजलि का केंद्र बनती है.
देशभर के राजनीतिक और सामाजिक नेता इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उनकी विचारधारा आज भी सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों की दिशा में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.
प्रधानमंत्री का डॉ. अंबेडकर को नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. अंबेडकर के विचारों की सराहना करते हुए उनकी विरासत को संजोने और उनके सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता जताई. मोदी ने अपने शासनकाल में डॉ. अंबेडकर से जुड़े स्थलों को विकास के केंद्र में लाने का प्रयास किया है.
महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. यह दिन उन मूल्यों और आदर्शों को याद करने का अवसर है, जिनके लिए डॉ. अंबेडकर ने अपना जीवन समर्पित किया. उनकी शिक्षा, संघर्ष और नेतृत्व ने भारत को एक सशक्त और लोकतांत्रिक संविधान दिया, जो सभी नागरिकों को समानता और न्याय की गारंटी देता है.
आज, जब देश डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है, यह उनकी विरासत को समझने और उनके दिखाए रास्ते पर चलने का समय है. "जय भीम" के नारों के साथ, यह दिन उनके प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का प्रतीक बन गया है.
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