Updated on: 18 June, 2024 07:52 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र का प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किया गया.
भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव
लोकसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को महाराष्ट्र में महज 9 सीटें मिलने से बड़ा झटका लगा, तो बीजेपी ने महाराष्ट्र में बड़े बदलाव करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को कल महाराष्ट्र का प्रभारी और सह-प्रभारी नियुक्त किया गया. पता चला कि यह नियुक्ति तीन महीने में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए की गई है. इसके साथ ही महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार को भी हटाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव को महाराष्ट्र राज्य प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह-प्रभारी नियुक्त किया. ये दोनों एक से अधिक बार पार्टी संगठन को व्यवस्थित तरीके से चलाने में सफल रहे हैं और जहां बीजेपी कमजोर थी वहां काम करने में सफल रहे हैं, इसलिए इन्हें राजनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
गौरतलब है कि भूपेन्द्र यादव को चुनावी प्रबंधन का अनुभव है. वह 2013 से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. 2013 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. 2014 में उन्होंने सह प्रभारी के तौर पर झारखंड और प्रभारी के तौर पर गुजरात की जिम्मेदारी संभाली. इसी तरह महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ मिलकर काम करके सफलता हासिल की. इसके बाद 2020 में बिहार में नीतीश कुमार के साथ मिलकर भूपेन्द्र यादव ने चुनाव जीता.
आज दिल्ली में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें लोकसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं ला पाने के कारण देवेन्द्र फड़णवीस के इस्तीफे पर फैसला हो सकता है. गौरतलब है कि इस मामले पर देवेन्द्र फड़णवीस ने अमित शाह और जे. पी. नड्डा से मुलाकात की. हालांकि, उस वक्त उनसे कहा गया था कि इस मामले में केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बाद फैसला लिया जाएगा.
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