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जेट्टी से अर्नाला जलदुर्ग तक तैरकर उर्वी पाटिल ने लूटी वाहवाही, 105 शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Updated on: 03 May, 2024 09:56 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

उर्वी के पिता मुंबई पुलिस बल की विशेष सुरक्षा शाखा में काम करते है. उनका नाम निनाद पाटिल है. वह खुद भी एक स्ट्रिप तैराक हैं.

 उर्वी ने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है, आज तक किसी भी महिला तैराक ने अर्नाला जेट्टी से अर्नाला जलदुर्ग समुद्र तक तैरने की हिम्मत नहीं की है.

उर्वी ने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है, आज तक किसी भी महिला तैराक ने अर्नाला जेट्टी से अर्नाला जलदुर्ग समुद्र तक तैरने की हिम्मत नहीं की है.

Nalasopara News: महाराष्ट्र दिवस यानी 1 मई के अवसर पर विरार के अर्नाला गांव में रहने वाली उर्वी निनाद पाटील ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि सभी चौक गए. महाराष्ट्र दिवस पर छोटी लड़की ने 105 शहीदों को विशेष सम्मान देते हुए अर्नाला के समुद्र में तैरकर अर्नाला जलदुर्गा पहुंची. महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले 105 शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उर्वी पाटिल ने अर्नाला के समुद्र में तैरकर लोगों को एक संदेश देने का प्रयास किया है. साढ़े आठ साल की उर्वी निनाद पाटील की इस समय खूब वाहवाही हो रही है. वह स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती है. बता दें, उर्वी के पिता मुंबई पुलिस बल की विशेष सुरक्षा शाखा में काम करते है. उनका नाम निनाद पाटिल है. वह खुद भी एक स्ट्रिप तैराक हैं. उन्होंने भी अर्नाला जेट्टी से अर्नाला जलदुर्ग तक लगभग 230 बार तैरकर एक अलग रिकॉर्ड बनाया है.


उर्वी ने अपने पिता निनाद पाटिल से तैराकी सीखी है. उस पर बात करते हुए उर्वी ने कहा कि `मुझे अपने पिता की तरह बनना है. मैं उन्हें अपना आदर्श मानती हूं. मुझे इस बात की खुशी है.` आपको बता दें, उर्वी निनाद पाटील ने बुधवार सुबह 11:54 बजे अर्नाला जेट्टी से तैरना शुरू किया था. समुद्र में विपरीत धारा, प्रचंड ज्वारीय लहरों और तेज हवाओं का सामना करते हुए अर्नाला जलादुर्ग के तट पर 39 मिनट और 40 सेकंड में पहुंची.


इस दौरान उनके पिता निनाद पाटिल, मां जान्हवी पाटिल, अरनाला ग्राम पंचायत के सरपंच नंदकुमार घरत, चंद्रकांत म्हात्रे, राजेश म्हात्रे, वैशाली राउत, हितेंद्र राउत आदि उनका हौसला बढ़ाते दिखाई दिए.


आपको यह जानकार हैरानी होगी कि उर्वी ने यह उपलब्धि अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है, आज तक किसी भी महिला तैराक ने अर्नाला जेट्टी से अर्नाला जलदुर्ग समुद्र तक तैरने की हिम्मत नहीं की है. उर्वी ने अपने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र दिवस पर 105 शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया है. उर्वी की सफलता की हर स्तर से सराहना हो रही है. 

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