Updated on: 15 July, 2025 10:16 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
नासिक दौरे पर आए महाराष्ट्र राज्य के एक बड़े नेता ने अनौपचारिक बातचीत में इसका खुलासा किया है.
प्रतीकात्मक छवि
महाराष्ट्र में इन दिनों तूफ़ान से पहले की शांति है. दावा किया जा रहा है कि कुछ संदिग्ध वीडियो हैं जिनकी चुपचाप जाँच की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियों को कई बड़े नाम मिले हैं. यह मामला नासिक से सामने आया है. नासिक दौरे पर आए महाराष्ट्र राज्य के एक बड़े नेता ने अनौपचारिक बातचीत में इसका खुलासा किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मामले के सामने आने के बाद कई अधिकारियों और नेताओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. सूत्रों का कहना है कि एक महिला के पास कुछ वीडियो फुटेज हैं जिनमें राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की संदिग्ध गतिविधियाँ रिकॉर्ड की गई हैं. सभी वीडियो नासिक के एक पाँच सितारा होटल के हैं.
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कई प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं और महिलाओं द्वारा बनाए गए गुप्त वीडियो चर्चा का केंद्र बन गए हैं. हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह एक सुनियोजित हनी ट्रैप ऑपरेशन था या रसूखदार लोगों की रासलीला मात्र. लेकिन नासिक के राजनीतिक गलियारों में इसकी ज़ोरदार चर्चा हो रही है. यह मामला नासिक के मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में एक महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद शुरू हुआ. वीडियो इतना संवेदनशील बताया जा रहा है कि कोई भी अधिकारी इस मामले में आगे आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. जाँच एजेंसियाँ भी इस मामले की बेहद गोपनीयता से जाँच कर रही हैं.
नेता ने यह भी कहा कि नासिक के वरिष्ठ अधिकारियों समेत मुंबई और पुणे के कई वरिष्ठ अधिकारी इस जाल में फँस सकते हैं. चूँकि इस मामले में शामिल अधिकारी और नेता बेहद प्रभावशाली हैं, इसलिए कोई भी खुलकर सामने नहीं आ रहा है और मामला फिलहाल पर्दे के पीछे है. गौरतलब है कि यह सनसनीखेज बयान ऐसे समय आया है जब राज्य का मानसून सत्र चल रहा है, ऐसे में राजनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे पर गंभीरता और चर्चा का दायरा बढ़ सकता है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या आने वाले दिनों में इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे होंगे या यह मामला सिर्फ़ आरोपों तक ही सीमित रहेगा.
नासिक ही नहीं, इस मामले की आंच मुंबई और पुणे तक पहुँच गई है. इन शहरों के कई प्रभावशाली अधिकारियों और राजनेताओं के नाम भी इस कथित गिरोह से संपर्क के कारण सामने आ रहे हैं. हालाँकि अभी तक किसी भी एजेंसी ने आधिकारिक स्तर पर कोई बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन जिस तरह से इस मामले को `गुप्त` रखा जा रहा है, उससे संदेह गहरा रहा है. न तो पीड़िता खुलकर सामने आ रही है और न ही आरोपी. ऐसे में यह घोटाला धीरे-धीरे राजनीतिक विस्फोट का रूप ले सकता है.
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