Updated on: 14 August, 2025 09:53 AM IST | Mumbai
Rajendra B Aklekar
पश्चिम रेलवे के ट्रेन मैनेजर मिलिंद साटम 28 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए, जिन्हें चर्चगेट स्टेशन पर सहयोगियों ने बैंड-बाजे और जुलूस के साथ भावुक विदाई दी.
Pic/Atul Kamble
पश्चिम रेलवे के ट्रेन मैनेजर, जिन्हें पहले गार्ड के नाम से जाना जाता था, मिलिंद साटम 28 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए और चर्चगेट पर उनके सहयोगियों ने पूरे बैंड और तुरही के साथ उन्हें विदाई दी. उनके परिवार के साथ उन्हें गार्ड लॉबी तक एक जुलूस में ले जाया गया. वे अपने साथ ढेर सारे अनुभव और प्यारी यादें लेकर सेवानिवृत्त हुए और उन्होंने मुंबईवासियों के दयालु स्वभाव के लिए उनका आभार व्यक्त किया.
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मिड-डे से पुरानी यादें ताज़ा करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने इस शहर की सभी विकट घटनाओं को ट्रेन की खिड़की से देखा है. 26 जुलाई, 2005 की बाढ़ के दौरान मैं आठ घंटे तक ट्रेन में फँसा रहा. ट्रेन हमारी ज़िम्मेदारी है; चाहे बारिश हो या धूप, हम इसे अकेला नहीं छोड़ सकते. 11 जुलाई, 2006 को जब माटुंगा में बम विस्फोट हुए, तो मैं प्रभावित ट्रेन में अपने सहयोगियों की मदद करने वाले पहले लोगों में से एक था."
उन्होंने कहा, "अपने करियर में, मैंने एक गार्ड के रूप में पश्चिम रेलवे में काफ़ी यात्राएँ की हैं और हर तरह के अनुभवों का सामना किया है. लेकिन मैं आपको बता दूँ कि मुंबईकर सबसे अच्छे हैं. वे दयालु हैं और परेशानी खड़ी नहीं करते क्योंकि वे रेलवे के कामकाज को समझते हैं."
मुंबई में रेल से आने-जाने की समस्याओं के समाधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मेरी राय में, समय में अंतर होना चाहिए. हर किसी का समय एक ही समय पर चरम पर होता है, इसे बदलने की ज़रूरत है. बंद दरवाजों वाली ट्रेनें होने से भी मदद मिलेगी. लेकिन सच कहूँ तो, जब मैं कई साल पहले समयपालन अनुभाग में तैनात था, तो हर दिन लगभग 10 बार समय गिरता था. अब यह संख्या काफ़ी कम हो गई है. सुधार हुए हैं, और ये आगे भी जारी रहेंगे."
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