इस टीम ने दही हांडी जैसे साहसिक खेल में पुरुषों के एकाधिकार को खत्म कर एक नई मिसाल कायम की है.
कार्यक्रम में अश्रु फाउंडेशन के संस्थापक सुनील विष्णु पाटिल, अध्यक्ष सुनीता पाटिल, सदस्य प्रशांत गुरुले, गोकुल पाटिल, नीलेश शिर्के, अजीत राणे, श्रीमती नेहा शिर्के, कुमारी अनुष्का पाटिल, आर्या शिर्के और आराध्या पाटिल मौजूद रहे. फाउंडेशन की ओर से टीम को सम्मान पत्र प्रदान किया गया.
इस अवसर पर अश्रु फाउंडेशन की अध्यक्ष सुनीता पाटिल ने कहा, "पुरुष प्रधान संस्कृति में दही हांडी जैसे खेल में महिलाओं का साहसिक भाग लेना गर्व की बात है.
जोगेश्वरी माता महिला गोविंदा टीम ने समाज में महिलाओं के लिए एक नई राह बनाई है." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि फाउंडेशन आगे भी ऐसी महिलाओं का समर्थन करता रहेगा.
टीम की संस्थापक हर्षाली राणे ने फाउंडेशन और उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान उनके लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मान से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें और बड़ी चुनौतियों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है.
यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि महिला सशक्तिकरण और समानता के संदेश को समाज में और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ.
ADVERTISEMENT