कबूतरों को सार्वजनिक रूप से दाना डालने से रोकने के लिए नगर निगम ने यह चादर बिछाई थी. तस्वीरें/कीर्ति सुर्वे परेड
इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करना और कानून-व्यवस्था की समस्याओं से बचना है.
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें बीएमसी को कबूतरखानों में कबूतरों को दाना डालने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.
बीएमसी ने सोमवार को बताया कि आदेशों का उल्लंघन करके कबूतरों को दाना डालने के लिए अगस्त में बीएमसी ने तीन पुलिस मामले दर्ज किए हैं और 64 लोगों पर कुल 32,000 रुपये का जुर्माना लगाया है.
उन्होंने बताया कि तीन एफआईआर में से एक डी वार्ड में दर्ज की गई है, जहाँ चार `कबूतरखाने` (कबूतरों को दाना डालने की जगह) हैं, और दो जी नॉर्थ वार्ड में दर्ज की गई हैं, जहाँ दादर पश्चिम में एक कबूरूखाना है.
जुर्माना लगाए गए 64 लोगों में से सबसे ज़्यादा 12 पी साउथ वार्ड में दर्ज किए गए हैं, जहाँ तीन कबूरूखाने हैं. 12 लोगों से 6000 रुपये का जुर्माना वसूला गया.
दादर पश्चिम के प्रतिष्ठित कबूतरखाना में 11 लोगों पर 5500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. अधिकारी ने बताया कि बी, सी, ईएफ दक्षिण, एन और एल वार्ड में इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
ADVERTISEMENT