हालांकि, इस मार्च के शुरू होने से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया. (PIC/NIMESH DAVE)
पुलिस ने इस विरोध को किसी भी हालत में रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की. प्रदर्शनकारियों को पुलिस वैन में डालकर हिरासत में लिया जा रहा था. इस दौरान मीरा रोड के ओम शांति इलाके में भारी अफरा-तफरी मच गई, जहां प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने थे.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की, जबकि पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए किसी भी प्रकार की कड़ी कार्रवाई की. मंगलवार की सुबह एक और नाटकीय घटना घटी, जब मनसे के ठाणे जिला अध्यक्ष, अविनाश जाधव को पुलिस ने तड़के साढ़े तीन बजे उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद पुलिस ने मनसे और अन्य मराठी संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लेना शुरू कर दिया.
अविनाश जाधव और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बाद आंदोलन और उग्र हो गया, और विरोध प्रदर्शन में और भी तेज़ी आई.
मनसे नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन मराठी भाषा और संस्कृति के सम्मान के लिए है. उनका आरोप है कि कुछ ताकतें मराठी भाषा और संस्कृति को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं. मनसे के नेताओं ने इसे सिर्फ राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता की रक्षा की लड़ाई बताया.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता द्वारा किए गए पहले के विरोध को राजनीतिक रूप से प्रायोजित किया गया था, और इस समय मनसे ही मराठी भाषा के सम्मान की लड़ाई लड़ रही है.
फिलहाल, मीरा-भायंदर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारियों और सख्त कार्रवाई ने इस संघर्ष को और भी उग्र बना दिया है.
अब यह देखना होगा कि क्या इस आंदोलन का कोई समाधान निकलता है या यह और बढ़ेगा. राज्यभर में मराठी अस्मिता और भाषा के अधिकारों को लेकर गहमागहमी बनी हुई है.
ADVERTISEMENT