कारीगरों द्वारा कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई थीं, कार्यशाला से पंडालों की ओर रवाना की गईं. (Pic/ Anurag Ahire)
इस वर्ष गणेश उत्सव की शुरुआत 7 सितंबर को होगी और इस दिन गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा.
गणेश चतुर्थी यह त्योहार न केवल धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है बल्कि यह मुंबई शहर की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है.
गणेश चतुर्थी के दौरान, विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और इसे बड़े आयोजन के रूप में मनाते हैं.
सड़कों पर रंग-बिरंगी लाइट्स, फूलों की सजावट, और ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते लोगों की टोलियाँ इस उत्सव की रौनक को और भी बढ़ा देती हैं.
मुंबई में इन दस दिनों में, हर रोज विशेष आरती और पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं.
उत्सव का समापन गणेश विसर्जन के साथ होता है, जहाँ गणेश जी की मूर्तियों को पवित्र जलाशयों में विसर्जित किया जाता है.
इस दिन भी शहर में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है, जहां भक्त अपने आराध्य देव को अगले वर्ष फिर से आने का निमंत्रण देते हुए विदा करते हैं.
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