खासतौर पर, कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अदानी के दबाव में काम कर रही है और स्थानीय लोगों के हितों को नजरअंदाज कर रही है.
वर्षा गायकवाड ने कहा कि अदानी को मुंबई की ज़मीनें सौंपने के लिए भाजपा सरकार स्थानीय नागरिकों का विरोध दबाने के लिए काम कर रही है. वर्षा गायकवाड ने यह भी कहा कि कुर्ला स्थित मदर डेयरी की ज़मीन, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संवेदनशील मानी जाती है, अदानी के दबाव में हस्तांतरित की गई है.
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह ज़मीन स्थानीय लोगों के लिए बेहद अहम है और इसकी बिक्री से न केवल स्थानीय निवासियों के अधिकारों का उल्लंघन होता है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी प्रभावित हो सकता है.
इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद गायकवाड ने कहा कि भाजपा सरकार ने काबिनेट में इस निर्णय को मंजूरी दी है, जबकि जनमत का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है.
निषेध मोर्चा में शामिल कार्यकर्ताओं ने ज़मीन के हस्तांतरण का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह कदम न केवल अदानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है, बल्कि मुंबई के स्थानीय नागरिकों की आवाज़ को भी दबाया गया है.
सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा, "कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाली है. हम स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इस सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे."
कांग्रेस पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो वे आगे भी जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे.
पार्टी ने यह भी कहा कि वे मुंबईवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.
ADVERTISEMENT