Updated on: 02 March, 2025 12:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शनिवार को एक सरकारी वकील ने यह जानकारी दी. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय ने जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया.
प्रतीकात्मक छवि
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को 17 व्यक्तियों को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिन पर पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसक घटना में शामिल होने का आरोप है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को एक सरकारी वकील ने यह जानकारी दी. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय ने जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिन्होंने गुरुवार को 18 अन्य जमानत याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था. अतिरिक्त जिला सरकारी वकील हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि अब तक कुल 65 जमानत याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं और बाकी याचिकाओं पर अन्य तिथियों पर सुनवाई होगी.
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रिपोर्ट के मुताबिक सैनी ने बताया, "हमने माननीय अदालत के समक्ष दलीलें पेश कीं कि 24 नवंबर की घटना में चार निर्दोष लोगों की जान चली गई है. इन आरोपियों ने पुलिस पर जान से मारने की नीयत से ऐसे तरीके अपनाए, जिसमें पत्थरबाजी, फायरिंग भी शामिल है. पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली है."
सैनी ने कहा, "उनके पास से गोलियां और अन्य सामान भी बरामद किए गए हैं. ये सभी तर्क मैंने अदालत में पेश किए, जिसके आधार पर कल और परसों की सभी याचिकाओं को माननीय अदालत ने खारिज कर दिया." रिपोर्ट के अनुसार सैनी ने कुल 87 जमानत याचिकाओं पर प्रकाश डाला, जिनमें से 65 याचिकाएं अब तक खारिज हो चुकी हैं और शेष अन्य तिथियों पर सुनवाई के लिए लंबित हैं.
हिंसा तब भड़क उठी जब स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प की, यह दावा करने के बाद कि स्थल पर कभी हरिहर मंदिर था. रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के परिणामस्वरूप चार व्यक्तियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
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