Updated on: 03 May, 2025 10:18 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
आदित्य ठाकरे का कहना है कि इस परियोजना के लिए राख के निपटान के स्थान में कोई वैज्ञानिक मानक नहीं अपनाए गए हैं.
X/Pics, Aaditya Thackeray
युवा सेना (यूबीटी) के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, आरोप है कि महाराष्ट्र में इस समय पर्यावरण सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है. ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा कि खापरखेड़ा विद्युत परियोजना द्वारा नांदगांव में फ्लाई ऐश डालने का काम फिर से शुरू कर दिया गया है, जो पर्यावरण सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहा है.
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महाराष्ट्रात सध्या जेवढा पर्यावरणीय विध्वंस होत आहे, तेवढा विनाश ह्याआधी कधीच पाहायला मिळाला नव्हता.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) May 1, 2025
असं समजलंय की, ५०० मेगावॅट क्षमतेच्या खापरखेडा वीज प्रकल्पाने नंदगावमध्ये पुन्हा एकदा फ्लाय अॅश टाकण्यास सुरुवात केली आहे.
ही राख टाकण्यासाठी वापरण्यात येणारी जागा कोणत्याही… pic.twitter.com/uoDYTgBFNS
आदित्य ठाकरे का कहना है कि इस परियोजना के लिए राख के निपटान के स्थान में कोई वैज्ञानिक मानक नहीं अपनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यहां न तो `लैगून` प्रणाली है, न ही एचडीपीई लाइनिंग, जो पर्यावरण सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं. इसका साफ मतलब है कि इस परियोजना में पर्यावरण सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है. ठाकरे ने आरोप लगाया कि इस परियोजना के कारण न केवल आसपास के खेतों और जल स्रोतों को प्रदूषित किया जा रहा है, बल्कि पेंच नदी भी इसके प्रभाव में आ रही है, जिससे स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य भी खतरे में है.
उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है. ठाकरे ने सवाल उठाया कि सरकार इस फ्लाई ऐश का इस्तेमाल अपनी कंक्रीट सड़क परियोजनाओं के लिए क्यों नहीं करती, या फिर इसे नीलाम क्यों नहीं कर दिया जाता?
आदित्य ठाकरे ने अपने पूर्व कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री थे, तब उन्होंने फ्लाई ऐश की डंपिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था और करीब 80% राख डंप स्थल को साफ कर दिया था, जहां राख 7 फीट तक जमा हो गई थी. साथ ही, 800 एकड़ भूमि को पुनर्वासित भी किया गया था. लेकिन अब फिर से यही समस्या सामने आ रही है.
ठाकरे ने कहा कि स्थानीय लोग इस स्थिति से चिंतित हैं और उनका स्वास्थ्य खतरे में है, लेकिन उनकी आवाज़ को अनसुना किया जा रहा है. उन्होंने फडणवीस सरकार से इस मुद्दे पर शीघ्र ध्यान देने की मांग की है.
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