होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर आदित्य ठाकरे का तंज, `जो अपने कार्यकर्ता को न्याय न दे सके, वो जनता का क्या करेंगे?`

धनंजय मुंडे के इस्तीफे पर आदित्य ठाकरे का तंज, `जो अपने कार्यकर्ता को न्याय न दे सके, वो जनता का क्या करेंगे?`

Updated on: 04 March, 2025 11:13 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद यूबीटी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने देरी के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री धनंजय मुंडे ने आखिरकार 4 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. यह फैसला बीड जिले के माजलगांव में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े विवादों के बीच आया है, जिसमें मुंडे के करीबी वाल्मीक कराड पर जबरन वसूली और हत्या में संलिप्तता के आरोप लगे हैं. बीड जिले के माजलगांव में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की नृशंस तस्वीरें सामने आने के बाद पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश की लहर दौड़ गई. बताया जा रहा है कि धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मीक कराड पर संतोष देशमुख से जबरन वसूली का दबाव था. इस विवाद ने हिंसक रूप लिया और अंततः देशमुख की हत्या कर दी गई.

घटना के बाद से महाराष्ट्र में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी थी. पूरे राज्य में इस मुद्दे पर सियासी घमासान मच गया.


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: विपक्ष ने साधा निशाना


धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद यूबीटी (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने देरी के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, "यह सरकार अपने ही कार्यकर्ता को न्याय नहीं दिला सकती. अगर जनता के साथ अन्याय होगा, तो सरकार का क्या औचित्य रह जाएगा?"

इसके अलावा, भाजपा विधायक सुरेश धास ने कहा कि संतोष देशमुख भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे और वह 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहे थे.


मुंडे के इस्तीफे का असर: महायुति सरकार पर दबाव

धनंजय मुंडे के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की महायुति सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर और हमलावर हो सकता है. इस घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था और राजनीतिक रसूख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में और क्या कदम उठाती है और क्या वाल्मीक कराड को लेकर कोई कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं. फिलहाल, इस हत्या कांड ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK