Updated on: 25 October, 2025 09:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
एयरलाइन ने इस घटना की पुष्टि की है.
प्रतीकात्मक चित्र (सौजन्य: मिड-डे)
एयर इंडिया के एक विमान को शुक्रवार को उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद पक्षी के टकराने के बाद नागपुर वापस लौटना पड़ा. एयरलाइन ने इस घटना की पुष्टि की है. यर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, "24 अक्टूबर को नागपुर से दिल्ली जाने वाली उड़ान संख्या AI466 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद पक्षी से टकरा गई. मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, चालक दल ने सुरक्षा को प्राथमिकता दी और विमान के निरीक्षण के लिए नागपुर लौटने का फैसला किया."
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एयरलाइन ने कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और विमान का तकनीकी निरीक्षण पूरा होने के बाद उड़ान फिर से शुरू होगी. "विमान नागपुर हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरा, जिसके बाद उसके रखरखाव की जाँच की गई. निरीक्षण के दौरान तकनीकी खराबी को ठीक करने में अपेक्षा से अधिक समय लगा, इसलिए उड़ान रद्द करनी पड़ी. नागपुर में हमारी ग्राउंड टीम ने यात्रियों को तुरंत भोजन और पेय सहित सहायता प्रदान की."
इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई से नेवार्क जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI191 को भी एक संदिग्ध तकनीकी समस्या का पता चलने के बाद एहतियात के तौर पर मुंबई वापस लौटना पड़ा था. एयरलाइन ने कहा कि विमान छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतर गया और सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं. बुधवार को, कोलकाता से श्रीनगर जा रहे इंडिगो के एक विमान को ईंधन रिसाव की सूचना के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी. एयरलाइन ने कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और विमान की तकनीकी जाँच पूरी होने तक उड़ान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.
मद्रास उच्च न्यायालय ने हवाई यात्रा के दौरान खाने में बाल पाए जाने पर एयर इंडिया पर 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना यात्री को देना होगा. हालाँकि, उच्च न्यायालय ने इस मामले में एयर इंडिया को कुछ राहत दी है, क्योंकि निचली अदालत ने 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसके खिलाफ एयर इंडिया ने उच्च न्यायालय में अपील की है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति पी.बी. बालाजी ने एयर इंडिया लिमिटेड की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए एक आदेश पारित किया. न्यायाधीश ने कहा, "इस मामले में एयर इंडिया के अधिकारी अपने लिखित बयानों में असंगत और अनुचित रहे हैं. उदाहरण के लिए, उन्होंने एक बार दावा किया था कि उस समय विमान में सात कर्मचारी मौजूद थे, लेकिन यात्री ने किसी से शिकायत नहीं की. हालांकि, अपने स्वैच्छिक लिखित बयान में उन्होंने स्वीकार किया कि यात्री ने मौखिक शिकायत की थी, जिसे तुरंत रेडियो के माध्यम से कंपनी तक पहुँचा दिया गया था."
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