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अनिल अंबानी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने दिए पेश होने के निर्देश

Updated on: 06 November, 2025 04:34 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अनिल अंबानी को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया है.

फाइल तस्वीर

फाइल तस्वीर

रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी-सह-धन शोधन मामले में अगले सप्ताह पूछताछ के लिए फिर से तलब किया है. सूत्रों के अनुसार, 66 वर्षीय व्यवसायी से संघीय जाँच एजेंसी ने अगस्त में पूछताछ की थी. रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया है. एजेंसी ने हाल ही में अंबानी की समूह कंपनियों के खिलाफ अपनी जाँच के तहत 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की है.

रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं, क्योंकि जाँच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के अध्यक्ष से जुड़ी 3,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति ज़ब्त कर ली है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उनकी समूह कंपनियों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच के तहत उनकी संपत्तियों की ज़ब्ती की गई है. संघीय जाँच एजेंसी ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्तियों को ज़ब्त करने के लिए चार अस्थायी आदेश जारी किए हैं, जिनमें मुंबई के पाली हिल स्थित 66 वर्षीय अंबानी का घर और उनके समूह की कंपनियों की अन्य आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियाँ शामिल हैं.


यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन के कथित डायवर्जन और लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले 2017-2019 के दौरान, यस बैंक ने आरएचएफएल के उपकरणों में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल के उपकरणों में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया था. हालांकि, दिसंबर 2019 तक ये "गैर-निष्पादित" निवेश में बदल गए, जिसमें आरएचएफएल के लिए 1,353.50 करोड़ रुपये और आरसीएफएल के लिए 1,984 करोड़ रुपये बकाया थे, और इसलिए ईडी के अनुसार, धन शोधन संरक्षण अधिनियम के तहत जांच शुरू की गई थी. अंबानी के खिलाफ यह कार्रवाई कथित वित्तीय अनियमितताओं और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित समूह की कई कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण "डायवर्जन" से संबंधित है.



इस मामले में ईडी ने अगस्त में व्यवसायी से पूछताछ की थी, वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने 24 जुलाई को मुंबई में उनके व्यावसायिक समूह के अधिकारियों सहित 50 कंपनियों और 25 लोगों के 35 परिसरों की तलाशी भी ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा, ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला केंद्रीय जाँच ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है.


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