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हत्या से पहले `कलमा` पढ़ने को कहा था: पहलगाम पीड़ित के परिजनों की दर्दनाक दास्तां, ईस्टर मनाने पहुंचा था परिवार

Updated on: 23 April, 2025 04:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

ईस्टर मनाने के लिए अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ जम्मू-कश्मीर गए सुशील नथानियल (58) मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे. 

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था. फोटो/पीटीआई

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था. फोटो/पीटीआई

पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों ने ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इंदौर के एक एलआईसी मैनेजर को गोली मारने से पहले उससे `कलमा` पढ़ने को कहा, उनके रिश्तेदारों ने बुधवार को दावा किया और हमलावरों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की. ईस्टर मनाने के लिए अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ जम्मू-कश्मीर गए सुशील नथानियल (58) मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शामिल थे. 

पीड़ित के रिश्तेदारों ने कहा कि परिवार का एक साथ खुशी-खुशी त्योहार मनाने का सफर एक त्रासदी में बदल गया और इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता. अधिकारियों के अनुसार, नथानियल इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में मैनेजर के पद पर तैनात थे. 


उनके चचेरे भाई संजय कुमरावत ने पीटीआई को बताया, "हमने सुशील नथानिएल की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की है. उन्होंने हमें बताया कि आतंकवादियों ने सुशील का नाम पूछा और उसे घुटनों के बल बैठने के लिए मजबूर किया, फिर उन्होंने उससे कलमा (इस्लामी आस्था को व्यक्त करने वाला वाक्यांश) पढ़ने को कहा. जब सुशील ने कहा कि वह कलमा नहीं पढ़ सकता, तो आतंकवादियों ने उसे गोली मार दी.` कुमरावत ने बताया कि जब नैथनियल की बेटी आकांक्षा (35) अपने पिता पर गोलियां चलती देख घबराकर उनकी ओर दौड़ी तो आतंकवादियों ने उसके पैर में गोली मार दी. उन्होंने बताया कि आकांक्षा का जम्मू-कश्मीर में इलाज चल रहा है. 


कुमरावत ने कहा, "कश्मीर में कायराना हमला करके 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि यह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बने." उन्होंने कहा कि उनके शोकाकुल परिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है. मृतक की चचेरी बहन इंदु दावर ने भी दावा किया कि घटनास्थल पर मौजूद उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, आतंकवादियों ने सुशील नैथनियल से उसकी धार्मिक पहचान पूछने के बाद उसे गोली मार दी. "सुशील अपने परिवार के साथ कश्मीर गया था. हम न्याय चाहते हैं और हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए," उन्होंने कहा.

उन्होंने कहा कि हमले के दौरान नैथेनियल की बेटी आकांक्षा (35) के पैर में गोली लगी है और उसका जम्मू-कश्मीर में इलाज चल रहा है. दावर ने कहा कि आतंकी हमले के दौरान नैथेनियल के साथ उनकी पत्नी जेनिफर (54) और उनका बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) भी थे. उन्होंने कहा कि मां-बेटे की जान बच गई, लेकिन वे सदमे में हैं. नैथेनियल की एक अन्य रिश्तेदार जेम्मा विकास ने कहा कि आतंकी हमले में मारे गए एलआईसी अधिकारी ईस्टर के मौके पर अपने परिवार के साथ कश्मीर गए थे.


उन्होंने कहा, "इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं है कि त्योहार मनाने गए पर्यटकों की खुशी मातम में बदल गई. हम चाहते हैं कि सरकार आतंकियों को तुरंत खोजकर खत्म करे." इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने नैथेनियल के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. "मुख्यमंत्री मोहन यादव लगातार नैथेनियल के परिवार के बारे में जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है." सिंह ने कहा कि नैथनियल का शव हवाई मार्ग से श्रीनगर से इंदौर लाया जाएगा और आतंकी हमले में घायल उनकी बेटी को पूरा इलाज मुहैया कराया जाएगा.

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