ब्रेकिंग न्यूज़
होम > न्यूज़ > नेशनल न्यूज़ > आर्टिकल > Bharat Bandh: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीएसपी, भीम सेना के विरोध प्रदर्शन के आह्वान से पहले कड़ी कर दी गई सुरक्षा

Bharat Bandh: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीएसपी, भीम सेना के विरोध प्रदर्शन के आह्वान से पहले कड़ी कर दी गई सुरक्षा

Updated on: 21 August, 2024 05:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं.

आरा में भारत बंद के समर्थन में भीम आर्मी के समर्थकों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। फोटो/पीटीआई

आरा में भारत बंद के समर्थन में भीम आर्मी के समर्थकों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। फोटो/पीटीआई

बहुजन समाज पार्टी और भीम सेना द्वारा भारत बंद के दौरान आहूत विरोध रैली से पहले मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में बुधवार को भारी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा की थी.

रिपोर्ट के मुताबिक जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर है, पुलिसकर्मी चक्कर लगा रहे हैं, बैरिकेड्स लगाए गए हैं और जिले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए ड्रोन कैमरे सक्रिय हैं. ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धर्मवीर सिंह ने, "विभिन्न संगठनों द्वारा `भारत बंद` के आह्वान के मद्देनजर ग्वालियर पुलिस बुधवार सुबह 6 बजे से लगातार गश्त कर रही है. सुरक्षा के लिए 150 से अधिक बैरिकेड्स लगाए गए हैं और सीएसपी और एडिशनल एसपी सहित सभी पुलिस अधिकारी चक्कर लगा रहे हैं." 


अधिकारी ने आगे कहा, "यहां विरोध प्रदर्शन का आह्वान मुख्य रूप से बहुजन समाज पार्टी और भीम सेना ने किया है. हम इन संगठनों के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं. बैठक में चर्चा की गई योजनाओं के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जो कोई भी उपद्रव करने की कोशिश करेगा, हमने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए उचित व्यवस्था की है." 


विशेष रूप से `आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति` बुधवार को एक दिवसीय भारत बंद का आयोजन कर रही है, ताकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया जा सके. 1 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि राज्यों के पास एससी और एसटी को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है.


अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK