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महाराष्ट्र बजट सत्र में बड़ी घोषणाएं, सरकार ने मांगे 6,486 करोड़ अतिरिक्त

Updated on: 03 March, 2025 02:57 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

Maharashtra Budget Session 2025: महाराष्ट्र बजट सत्र 2025 के पहले दिन विधानसभा में कुल ₹6,486.20 करोड़ की अनुपूरक मांगें पेश की गईं.

X/Pics, Devendra Fadnavis

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महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र 2025 के पहले दिन राज्य सरकार ने कुल ₹6,486.20 करोड़ की अनुपूरक मांगें पेश कीं. इनमें ₹932.54 करोड़ अनिवार्य जरूरतों, ₹3,420.41 करोड़ कार्यक्रम संबंधी आवश्यकताओं और ₹2,133.25 करोड़ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रस्तावित किए गए हैं. हालाँकि, वास्तविक शुद्ध वित्तीय बोझ ₹4,245.94 करोड़ रहेगा.

प्रमुख योजनाओं के लिए प्रस्तावित धनराशि


1. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण): सामान्य और एससी/एसटी श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए ₹3,752.16 करोड़ की अनुपूरक मांग रखी गई है, जिसमें से ₹2,779.05 करोड़ समायोजित राशि होगी.


2. मुख्यमंत्री बलिराजा बिजली सब्सिडी योजना: कृषि पंप उपयोगकर्ताओं को बिजली शुल्क सब्सिडी देने के लिए ₹2,000 करोड़ की मांग की गई, जिसमें से ₹1,688.74 करोड़ समायोजित होंगे.

3. सड़क और पुल परियोजनाएं: ब्याज मुक्त ऋण के तहत पूंजीगत व्यय के लिए ₹1,450 करोड़ प्रस्तावित हैं.


4. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम): केंद्र और राज्य अंशदान के तहत ₹637.42 करोड़ प्रस्तावित किए गए हैं.

5. नगर पालिकाओं व नगर निगमों के लिए स्टाम्प ड्यूटी अनुदान: ₹600 करोड़ की राशि रखी गई है.

6. राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना: ₹375 करोड़, जिसमें से ₹257.03 करोड़ समायोजित होंगे.

7. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम): केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में ₹335.57 करोड़ रखे गए हैं.

8. ग्राम पंचायत की स्ट्रीट लाइट बिजली बिलों का भुगतान: ₹300 करोड़, जिसमें से ₹209.55 करोड़ समायोजित राशि है.

9. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से चीनी मिलों को सहायता: ₹296 करोड़.

10. पुणे रिंग रोड और जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण: ₹244 करोड़ ब्याज चुकौती के रूप में प्रस्तावित है.

विभागवार अनुपूरक मांगें (मार्च 2025 तक)

>> ग्रामीण विकास विभाग: ₹3,006.28 करोड़

>> ऊर्जा, श्रम और उद्योग विभाग: ₹1,688.74 करोड़

>> नगरीय विकास विभाग: ₹590.28 करोड़

>> उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग: ₹412.36 करोड़

>> सहकारिता, विपणन और वस्त्र उद्योग विभाग: ₹313.93 करोड़

>> पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग: ₹255.51 करोड़

>> राजस्व एवं वन विभाग: ₹67.20 करोड़

>> पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग: ₹67.12 करोड़

>> लोक निर्माण विभाग: ₹45.35 करोड़

सरकार द्वारा इन अनुपूरक मांगों को आगामी वित्तीय वर्ष में आवश्यक योजनाओं और विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पेश किया गया है.

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