Updated on: 23 January, 2025 12:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
कुंभ मेले के दौरान प्रसिद्ध आध्यात्मिक शिक्षक आचार्य प्रशांत की किताबें साजिश के तहत जलाई गईं, ऐसा खुलासा एक पूर्व सैनिक ने किया है.
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हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ यूट्यूब चैनलों पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया कि आचार्य प्रशांत ने कुंभ को अंधविश्वास बताया है. इस वीडियो में एक पोस्टर दिखाया गया, जिसके आधार पर कुंभ में स्थित एक पुस्तक स्टॉल, जहां आचार्य प्रशांत की धार्मिक पुस्तकें वितरित की जा रही थीं, को आग के हवाले कर दिया गया.
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हालांकि, सच यह है कि आचार्य प्रशांत ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. उनकी संस्था ने भी साफ किया है कि इस पोस्टर को बनाने और फैलाने वाला व्यक्ति न तो उनकी संस्था से जुड़ा है और न ही कोई स्वयंसेवक.
कुंभ पर आचार्य प्रशांत की सोच
इंडिया न्यूज़ को दिए गए एक हालिया इंटरव्यू में आचार्य प्रशांत ने कुंभ पर चर्चा करते हुए कहा, “कुंभ जैसा सामुदायिकता का उदाहरण विश्व में और कहीं देखने को नहीं मिलता. इसने भारत को एकता और सहिष्णुता में बहुत आगे बढ़ाया है. कुंभ में इतने भिन्न विचारों और पद्धतियों के लोग एक साथ आते हैं. यह सीखने, समझने और शास्त्रार्थ करने का मंच है. इससे भारत की सहिष्णुता और विविधता को मजबूती मिली है.”
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साजिश के तहत हुई घटना
इस झूठे पोस्टर का असर यह हुआ कि कुछ लोगों ने कुंभ में आचार्य प्रशांत द्वारा लिखित धार्मिक पुस्तकों – जैसे भगवद गीता, उपनिषद, महाभारत, दुर्गा सप्तशती, शिव सूत्र और रामायण – को जला दिया.
मौके पर मौजूद पूर्व सैनिक मोहन सिंह ने बताया कि यह घटना पूरी तरह से एक साजिश का हिस्सा थी. पहले झूठा पोस्टर फैलाया गया, फिर योजनाबद्ध तरीके से कुछ लोग इकट्ठा हुए और पुस्तकें जलाने लगे. यह घटना न केवल झूठे प्रचार का नतीजा है, बल्कि समाज में नफरत फैलाने की साजिश भी है.
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