Updated on: 07 June, 2025 09:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा कि ये पुल केवल संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि ये भारत की ताकत और भारत के उज्ज्वल भविष्य की गर्जना के जीवंत प्रतीक हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चेनाब ब्रिज पर. फोटो: पीटीआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नवनिर्मित चेनाब और अंजी पुल न केवल जम्मू-कश्मीर को सीधे तौर पर जोड़ेंगे, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देंगे. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि ये पुल केवल ईंट, सीमेंट, स्टील और लोहे की संरचनाएं नहीं हैं, बल्कि ये भारत की ताकत और भारत के उज्ज्वल भविष्य की गर्जना के जीवंत प्रतीक हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी में बड़े बदलाव और बढ़ावा देने वाले कई रेलवे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सभी अच्छे काम "वास्तव में" उनके लिए पूरे करने बाकी हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना जम्मू-कश्मीर की नई ताकत की पहचान और भारत की नई ताकत का उद्घोष है.
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज का कार्यक्रम भारत की एकता और दृढ़ इच्छाशक्ति का बहुत बड़ा उत्सव है. माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से आज कश्मीर घाटी भारत के रेल नेटवर्क से जुड़ गई है. माता भारती का वर्णन करते हुए हम श्रद्धापूर्वक कहते रहे हैं, कश्मीर से कन्याकुमारी तक. यह अब रेलवे नेटवर्क के लिए भी एक वास्तविकता बन गई है. यूएसबीआरएल परियोजना सिर्फ एक नाम नहीं है, यह जम्मू-कश्मीर की नई ताकत की पहचान है. यह भारत की नई ताकत का उद्घोष है." रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "मुझे चिनाब और अंजी पुलों का उद्घाटन करने का अवसर मिला. आज जम्मू-कश्मीर को दो नए आशीर्वाद मिले हैं. यहां जम्मू में एक नए मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी गई है. 46,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर के विकास को नई गति देंगी."
इन परियोजनाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा, "मैं विकास के इस नए युग के लिए आप सभी को बधाई देता हूं. जम्मू-कश्मीर के कई वंशजों ने रेल कनेक्टिविटी का सपना देखते हुए अपना जीवन बिताया है. कल, मैं सीएम अब्दुल्ला का बयान देख रहा था; उन्होंने यह भी कहा था कि जब वे 7वीं या 8वीं कक्षा में पढ़ रहे थे, तब से वे इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे. आज जम्मू-कश्मीर के लाखों लोगों का सपना पूरा हो गया है. सभी अच्छे काम वास्तव में मुझे ही पूरे करने हैं. यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि हमारे कार्यकाल में इस परियोजना ने गति पकड़ी और हमने इसे पूरा किया." रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, "इस परियोजना को पूरा करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारी सरकार हमेशा चुनौती को चुनौती देने का रास्ता चुनती है. जम्मू-कश्मीर में बन रही सभी मौसम वाली परियोजनाएं इसका उदाहरण हैं. कुछ महीने पहले सोनमर्ग सुरंग का काम शुरू हुआ था. मैं चेनाब और अंजी पुल से होकर आया हूं. इन पुलों पर चलते हुए मैंने भारत के बुलंद इरादों, हमारे इंजीनियरों, हमारे श्रमिकों के सम्मान और साहस को महसूस किया है."
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बताया कि चेनाब नदी पर बना पुल फ्रांस के पेरिस में एफिल टॉवर से भी ऊंचा है और इसमें पर्यटन स्थल बनने की क्षमता है. प्रधानमंत्री ने कहा, "चेनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है. लोग फ्रांस के पेरिस में एफिल टॉवर देखने जाते हैं और यह पुल एफिल टॉवर से भी काफी ऊंचा है. अब लोग चेनाब पुल से कश्मीर जरूर जाएंगे, यह पुल आपके देश में भी एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनेगा. हमारा अंजी पुल भी इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण है. यह भारत का पहला केबल सपोर्टेड रेलवे ब्रिज है." इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इन पुलों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा, "ये पुल सिर्फ ईंट, सीमेंट, स्टील और लोहे के ढांचे नहीं हैं, ये पीर पंजाल की ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों पर खड़े भारत की ताकत के जीवंत प्रतीक हैं. ये भारत के उज्ज्वल भविष्य की दहाड़ है. ये दिखाता है कि विकसित भारत का सपना जितना बड़ा है, उतना ही बड़ा हमारा साहस और हमारा सामर्थ्य भी है. और सबसे बड़ी बात है नेक इरादे. ये एक असाधारण प्रयास है. चिनाब हो या कोई और पुल, दुनिया के लिए समृद्धि का जरिया बनेगा. इससे न सिर्फ पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था के दूसरे क्षेत्रों को भी फायदा होगा." इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज - `चिनाब रेलवे ब्रिज` और भारत के पहले केबल-स्टेड `अंजी ब्रिज` का उद्घाटन किया. उन्होंने कटरा रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई, जो जम्मू संभाग को सीधे कश्मीर से जोड़ती हैं.
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